अपने कुकिंग आयल में करे ये बदलाव, मिलेंगे ये सभी स्वस्थ लाभ, जाने
यह सवाल भी अक्सर उठाता हैं कि हमें कौन सा ऑयल खाना चाहिए। कौन-सा ऑयल अच्छा है और कौन-सा खराब? कितना खाना चाहिए? लेकिन हम आपको बता दें कि ऑयल कई तरह का होता है और उनके कई फायदे भी हैं जो केवल ही ऑयल को खाने से आपको नहीं मिल सकते हैं। इसलिए आपको ऑयल बदल-बदलकर खाना चाहिए। किसी भी तेल में सभी आवश्यक फैटी एसिड और फैटी एसिड का अनुपात नहीं होता है जिसकी बॉडी को जरूरत होती है। इस तरह से कोई भी एक तेल ऐसा नहीं है जो हमारी बॉडी को हेल्दी रखने के लिए सबसे अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट प्रोफाइल है।
तेल को बदलना हेल्दी है क्योंकि यह बॉडी को विभिन्न तरह के आवश्यक फैटी एसिड देता है जिसकी उसे जरूरत होती है। इसे सही तरीके से करने से आप फैटी एसिड, विटामिन, ओमेगा -3 और ओमेगा -6 फैट का अनुकूल कॉम्बिनेशन प्राप्त कर सकती हैं। आइए जानें कौन सा तेल आपको कौन से हेल्द बेनिफिट्स देता है।
दिल के लिए कैनोला ऑयल:दिल को हेल्दी रखने के लिए जिन भी तत्वों की जरूरत होती है वह इस तेल में मौजूद है, इसीलिए इसे सबसे बेहतरीन कुकिंग ऑयल भी कहा जाता है। इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा दूसरे तेलों की तुलना में कम होती है साथ ही इसमें ओमेग-3 और ओमेगा-6 भी होता है। कैनोला के पौधों के बीजों को पीसकर यह बनाया जाता है।
हड्डियों के लिए तिल का तेल: इस प्रकार के तेल का प्रयोग दूसरे तेलों की तुलना में कम किया जाता है, लेकिन इसमें भी पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जिससे हेल्थ प्रॉब्लम्स भी कम होती है। इसके अलावा इसमें कॉपर, कैल्शियम और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद हैं जिससे हड्डियों का पर्याप्त विकास होता है। तनाव और अवसाद से भी यह बचाता है। यह खुशी के लिए जिम्मेदार हार्मोन और एंजाइम को उत्तेजित करता है जिससे पॉजिटिविटी बढ़ती है।
कैंसररोधी है ऑलिव ऑयल:आजकल ऑलिव ऑयल का प्रयोग अधिक चलन में हैं, इसमें अनसैचुरेटेड फैट होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। इसमें कैंसररोधी तत्व भी होते हैं और यह दिल को भी मजबूत रखता है। लेकिन इसका प्रयोग करने से पहले यह जानना जरूरी है कि आंच पर पकाने के लिए हमेशा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें नहीं तो यह नुकसान भी कर सकता है।
मेटाबॉलिज्म के लिए नारियल का तेल: नारियल का तेल त्वचा और बालों के लिए ही फायदेमंद नहीं होता है बल्कि खाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसमें सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखता है। यह शरीर के लिए नुकसानदेह जीवाणु पैथेजेंस का दूर कर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मददगार होता है।
सर्दी से बचाए सरसों का तेल: भारत में सबसे अधिक सरसों के तेल का प्रयोग किया जाता है। इसमें ओमेगा-3 होता है। इसके सेवन से भूख भी अधिक लगती है। यह कोल्ड और फ्लू की संभावना को भी कम करता है।
आंखों के लिए एवोकाडो ऑयल:आंखों को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ई की जरूरत होती है जो एवोकाडो ऑयल में पाया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट ल्युटिन भी होता है जो आंखों के लिए फायदेमंद है। इसे ठंडे और सूखे स्थान पर रखें, नहीं तो यह खराब हो जाता है।
इसके अलावा कई प्रकार के ऑयल हैं, जिनका इस्तेमाल आप कर सकती हैं। जी हां कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए राइसब्रान ऑयल का इस्तेमाल करें, वजन बढ़ाने के लिए ऑलमंड ऑयल, अस्थमा या सांस की प्रॉब्लम्स के लिए सनफ्लॉवर ऑयल और सामान्य रोगों से बचने के लिए आप ग्रेपसीड ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं।