बालो को प्राकर्तिक रूप से काले करने के लिए इस्तेमाल करे ये आयुर्वेदिक जड़ीबूटी ……

बालो को कलर करने के लिए हममे हर प्रकार की झंझट से बचाना चाहते है और इसका एक उपाय है आयुर्वेदिक जड़ी बूटी में जी हाँ और उस  एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जटामांसी या स्पाइक नार्ड।  यह, समय से पहले सफेद होने वाले बालों की एक नैचुरल रेमेडी है। जटामांसी के उपयोग से बालों की रंगत काली होती है। काले-घने बालों के लिए आयुर्वेद में इस पौधे के गुणों और प्रभावों के बारे में लिखा गया है। आइये जानते है ये कैसे फायदेमंद है

बालों को बढ़ने में करता है मदद: विभिन्न स्टडीज़ में यह कहा गया है कि, जटामांसी बालों को काला बनाने के अलावा बालों की लम्बाई भी बढ़ाने में मदद करती है। दरअसल, जटामांसी में ऐसे कम्पाउंड्स होते हैं, जो, हेयर ग्रोथ बढ़ाने में मदद करते हैं।

नैचुरल हेयर कलर: आयुर्वेद में जिन भी औषधियों का उपयोग बालों को काला करने के लिए किया जाता है। उनमें, जटामांसी (Jatamansi) को सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है। बालों को काला बनाने के अलावा यह और भी तरीकों से बालों को फायदा पहुंचाता है।   दरअसल, नैचुरल होने की वजह से इनके कोई साइड-इफेक्ट्स नहीं होते। इसीलिए, इन्हें निश्चिंत होकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रयोग की विधि: इस औषधि के फायदे पाने का सबसे अच्छा तरीका है इसे, तेल में मिलाकर लगाना। बाज़ार में आंवला, जटामांसी और शिकाकई जैसी औषधियां बोतल में भरकर बेची भी जाती हैं। आप भी यही तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं। एक शीशी या कांच के डिब्बे में जटामांसी के टुकड़े भरें। इस बोतल में नारियल का तेल या अपनी पसंद का कोई तेल डालें। 2-3 दिन तक बोतल को यूं ही रख दें। बाद में, बोतल को उल्टा करके किसी कटोरी में तेल टपकने दें। कटोरी में जमा तेल से बालों की मसाज करें।

Related Articles

Back to top button