फडणवीस को फैसले लेने से रोकने और अजित के खिलाफ केस बंद करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

 महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के खिलाफ दर्ज 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले में 9 केस बंद करने के फैसले के खिलाफ शिवसेना (Shiv Sena), कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की.

याचिका में मांग की गई है कि जब तक बहुमत परीक्षण नहीं हो जाता तब तक देवेंद्र फडणवीस सरकार के सभी पॉलिसी डिसीजन पर रोक लगाई जाए. महाराष्ट्र में करीब 70 हज़ार करोड़ के सिंचाई घोटाले में अजित पवार आरोपी थे. उपमुख्यमंत्री बनने के 48 घंटों के भीतर ही अजित पवार से जुड़े कुछ मामले बंद किए गए थे. हालांकि महाराष्ट्र ACB के महानिदेशक परमबीर सिंह ने बताया था कि सिंचाई घोटाले में सेामवार को जितने भी मामले बंद हुए थे, उनमें से कोई भी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से संबंधित नहीं हैं.

उल्‍लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को दस साल पुराने सिंचाई घोटाले के ऐसे कुछ मामलों में क्लीन चिट दी थी, जिसमें वह कथित तौर पर शामिल थे. यह जानकारी अधिकारियों ने दी थी. एसीबी ने ऐसे कम से कम नौ मामलों में अपनी जांच को बंद कर दिया. हालां‍कि यह साफ नहीं है कि इन मामलों में उनका नाम प्रत्यक्ष रूप से था या नहीं.

एसीबी मुंबई द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, ये नौ मामले विदर्भ क्षेत्र के वाशिम, यवतमाल, अमरावती और बुलढाणा में बड़ी और छोटी सिंचाई परियोजनाओं से संबंधित हैं.

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