रिलैक्स करने के लिए बेस्ट है HOT STONE मसाज, अनूठा है इसे करने का अंदाज़

लोग तनाव से निजात पाने के लिए हॉट स्टोन मसाज  का सहारा लेते हैं। मसाज थेरेपी के द्वारा शरीर की मासपेशियों को आराम पहुंचाया जाता है। इसके लिए थेरेपिस्ट बहुत सारी तकनीकों का सहारा लेते हैं। शरीर को फायदा पहुंचाने के लिए हॉट स्टोन मसाज अच्छा साधन है। हॉट स्टोन मसाज ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षणों को दूर करने में  मदद कर सकता है। हॉट स्टोन मसाज मांसपेशियों में तनाव और दर्द को दूर करने में मदद करता है।

लंबे समय तक मांसपेशियों में तनाव और दर्द को कम करने के लिए इसकी गर्मी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे प्रभावित क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे मांसपेशियों की ऐंठन कम हो सकती है और लचीलेपन और गति की सीमा बढ़ सकती है। साथ ही यह डीप टिशू मैन्युपुलेशन को भी आसान बनाता है। हॉट स्टोन मसाज फाइब्रोमायल्जिया जैसे दर्दनाक स्थितियां दूर कर सकती है। फाइब्रोमायल्जिया एक ऐसी स्थिति है जिसके कारण बड़े पैमाने पर क्रोनिक दर्द होता है। 2002 के एक अध्ययन के मुताबिक, फाइब्रोमायल्जिया से पीड़ित लोग, जिन्होंने 30 मिनट तक मसाज करवाया उन्हें बहुत ही आराम मिला . आइये जानते है इसको करने से होने वाले फायदों के बारे में

अच्छी नींद के लिए – यह थेरेपी अनिंद्रा के मरीज़ों के लिए तो एक वरदान है।

दर्द में लाभदायक – हॉट स्टोन मसाज  दर्द में बहुत असरकारक होती है। इससे मसल्स के दर्द में भी आराम मिलता है। इंजुरी से रिकवरी – इस थेरेपी का लाभ शरीर की चोटों की रिकवरी में भी मिलता है।

तनाव कम करे  यह मसाज थेरेपी  तनाव कम करने में सबसे ज्यादा लाभकारी होती है।

मासपेशियों को आराम दे – हॉट स्टोन मसाज का सबसे अधिक फायदा मसल्स को मिलता है। इससे मसल्स की स्टीफ़नेस कम होती है।

ध्यान देने वाली बात ये है की इस मसाज  के अंतर्गत नर्म, चपटे और गर्म पत्थरों को प्रभावित स्थानों पर रखा जाता है। यह स्टोन बेसाल्ट के बने होते हैं, जो वॉल्कैनिक रॉक का एक प्रकार है। यही कारण है कि इस स्टोन में गर्माहट बनी रहती है। हॉट स्टोन मसाज को हम मसाज का एक नया ट्रेंड मान सकते हैं। इस मसाज की शुरुआत अमेरिका से हुई और यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गयी।थेरेपी  के दौरान स्टोन शरीर के इन भागों में रखे जाते हैं। पेट परस्पाइन के साथ सीने पर चेहरे पर हथेलियों पर पैरों पर मसाज थेरेपिस्ट इस थेरेपी  को स्वीडिश मसाज तकनीक के साथ करते हैं। जैसेलंबे स्ट्रोकसर्कुलर मूवमेंटवाइब्रेंशनटेपिंग हॉट स्टोन मसाज  में कुछ ठंडे पत्थरों का उपयोग भी किया जाता है। जिससे त्वचा को आराम पहुंचे और ब्लड वेसल्स भी स्टीफ़ न हों।

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