लेक काॅर्निवाल समिति व प्रशासन की ओर से ट्रैकिंग के आयोजन ने भीमताल में नए पर्यटन क्षेत्र की रखी नींव
लेक कार्निवाल समिति और प्रशासन की ओर से ट्रैकिंग के आयोजन ने भीमताल में नए पर्यटन क्षेत्र की नींव रखी है। इसके गवाह बने 170 ट्रैकर्स ने मंगलवार को समुद्र तल से लगभग 5500 फीट की ऊंचाई पर स्थित करकोटक पहाड़ी पर ट्रैकिंग की। ट्रैकिंग के माध्यम से भीमताल में नए डेस्टिनेशन की खोज की भी संभावना बढ़ गई है।
यहां हैं अपार संभावनाएं
भीमताल व आसपास के क्षेत्र में ट्रैकिंग की अपार संभावनाएं है लेकिन प्रशासन व स्थानीय कारोबारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे है। जिसके चलते इन नए डेस्टिनेशन को पहचान नहीं मिल सकी है। वहीं ट्रैकिंग आयोजन के माध्यम से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि नए टूरिस्ट स्पॉट खुलने से रोजगार के अवसर और क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। भीमताल के समीप करकोटक पहाड़ी से एक किमी नीचे दत्तात्रेय मुनि का आश्रम है। रमणीक स्थल होने के साथ-साथ यहां हल्द्वानी, भीमताल, नौकुचियाताल का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। भीमताल से 19 किमी की दूरी पर भीमेश्वर कैलास है, जिसमें पर्यटक 15 किमी वाहन से और चार किमी ट्रैकिंग से कर सकता है।
यह नजारे भी करते हैं आकर्षित
भीमताल के इस ट्रैकिंग जोन में तलहटी में गौला नदी ने पूरे कैलास पर्वत को घेरा हुआ है। यह दृश्य भी अपने आप में अनुपम है। इसके अतिरिक्त भीमताल से तीन किमी पर नल दमयंती ताल, 14 किमी की दूरी पर सातताल, छह किमी की दूरी पर चंद्र घंटा माता का मंदिर, 15 किमी की दूरी पर ग्वल देवता का मंदिर घोड़ाखाल आदि स्थानों पर ट्रैकिंग की अपार संभावना है। नए ट्रैकिंग रूट बनने से न केवल क्षेत्र में पलायन रुकेगा बल्कि पर्यटकों को भी नई सुविधाएं और नए ठिकाने मिलेंगे।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यतीश पंत, प्रबंधक टीआरसी भीमताल ने इस बारे में बताया कि कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा नए डेस्टिनेशन को खोजने और उसको विकसित करने का कार्य पूर्व से ही किया जा रहा है। भीमताल लेक कार्निवाल के दौरान ट्रैकिंग का आयोजन पर्यटन के क्षेत्र में नया कदम है।
सृजित होंगे रोजगार के अवसर
विपिन पांडे, सेवानिवृत पर्यटन विकास अधिकारी ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में ट्रैकिंग महत्वपूर्ण हो सकता है। वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ बाहर से आए पर्यटकों को आकर्षित करने के अवसर भी हासिल होंगे।