गुरुवार को करें महानंदा नवमी का व्रत, सुख-समृद्धि, धन, वैभव से भर जाएगा घर

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी 05 दिसंबर दिन गुरुवार को महानंदा नवमी का व्रत है। इस दिन वि​धि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है। किन्हीं कारणों से आपके पास सुख-समृद्धि, धन और वैभव की कमी है तो यह व्रत करने से माता लक्ष्मी इन सभी कमियों को दूर कर देती हैं। इस दिन व्रत रखने और दान करने से दरिद्रता दूर होती है। असहाय लोगों को दान करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

महानंदा नवमी का मुहूर्त

नवमी तिथि का प्रारंभ: 05 दिसंबर 2019 को सुबह 01 बजकर 44 मिनट से।

नवमी तिथि का समापन: 06 दिसंबर 2019 को सुबह 04 बजकर 15 मिनट तक।

आज का दिशाशूल: दक्षिण।

आज का राहुकाल: दोपहर 01:30 बजे से अपराह्न 03:00 बजे तक।

महानंदा नवमी व्रत एवं पूजा विधि

नवमी से एक दिन पूर्व सात्विक आहार लें। नवमी की सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद व्रत और पूजा का संकल्प करें। इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। उनको अक्षत्, फूल, धूप, गंध आदि से विधिपूर्वक पूजन करें। पूजा स्थान पर एक अखंड दीपक जलाएं। ओम ह्रीं महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करें। पूजा के अंत में माता लक्ष्मी की आरती करें। माता लक्ष्मी को बताशे और मखाने का भोग लगाएं। ये दोनों ही वस्तुएं उनको अति प्रिय हैं।

इस दिन आप माता लक्ष्मी के श्री यंत्र की भी पूजा कर सकते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने और पूजा के पश्चात असहाय लोगों को दान देने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा प्राप्त होने के साथ ही उस भक्त को विष्णु लोक में स्थान भी प्राप्त होता है। इस दिन कन्याओं को भोज कराने की भी परंपरा है।

महानंदा नवमी के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान उनके मंत्र का उच्चारण कर हवन करने से भी दरिद्रता का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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