गौरतलब है कि पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने सीएबी लागू करने से किया इनकार

नागरिक संशोधन विधेयक के विरोध में भोपाल मध्य विधानसभा विधानसभा से काग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश में यह विधेयक लागू किया तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा। यह बयान उन्होंने गुरुवार को चारबत्ती चौराहा पर विधेयक के विरोध में आयोजित की गई आम सभा के दौरान कहा।

विधायक मसूद ने कहा कि बिना मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम लेते हुए कहा कि ‘मैं अपने नेता से कहूंगा कि जिस तरह बंगाल में ममता बनर्जी ने साहस दिखाया है। उसी तरह हमारी सरकार भी साहस दिखाए और प्रदेश में एनआरसी को लागू से रोके। यदि सरकार ने नहीं माना तो मैं विधानसभा का सदस्य नहीं रहूंगा।’

गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल में नागरिक संशोधन बिल लागू नहीं किया जाएगा। मसूद ने कहा कि एक मस्जिद में बैठकर आजादी के लिए जंग का ख्वाब देखकर एक पत्र भोपाल से चंद उलेमाओं ने भेजा था। इसी तरह एक बार फिर इस विधेयक के विरोध में पूरे भोपाल को एकजुट होकर विरोध करने की जरूरत है।

उनका दावा है कि यह आंदोलन भी गांधीवादी विचार धारा से होगा। यदि सरकार चाहे तो हम तमाम लोग जेल जाने को भी तैयार है। इसके अलावा उन्होंने अपने संबोधन में इस विधेयक को भेदभावपूर्ण बताया। गौरतलब है कि पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों ने सीएबी लागू करने से इनकार कर दिया है। साथ ही बिहार में जदयू में भी इस मुद्दे पर पार्टी में बगावत दिखाते हुए नेता प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीएबी लागू नहीं करने की चुनौती दे दी है। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया है।

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