सीएमओ ऑफिस का जायजा लेने पहुंचे प्रमुख सचिव ने कहा- सीएमओ साहब, आप तो पहले ही फेल हो गए…
सीएमओ साहब आप तो पहले ही फेल हो गए हैं…। यह शब्द थे प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व जनपद के नोडल अधिकारी डॉ. रजनीश दुबे के। वह सीएमओ ऑफिस का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। प्रमुख सचिव के सवाल पर सीएमओ निरूत्तर हो गए। ऑफिस की व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिलने पर उन्होंने सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई को सुधार करने के निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव दो दिवसीय प्रयागराज के दौरे पर हैं
प्रमुख सचिव दो दिन प्रयागराज में हैं। सबसे पहले वह सीएमओ ऑफिस पहुंचे, जहां परिसर में दिव्यांगों के लिए रखी गईं टूटी कुर्सियां देखकर नाराजगी जताई। फिर सीधे एनसीडी सेल कक्ष में गए, जिसकी छत में दरार व गंदगी देखकर कारण पूछा कि यह स्थिति क्यों हैं? एनसीडी सेल के बजट के बारे में पूछने पर बताया गया कि इस बार दो करोड़ 35 लाख का बजट है। बंद पड़े कंप्यूटर के बारे में पूछा तो कर्मी ने बताया कि यह चार माह से खराब है। सीएमओ को इसे ठीक कराने का निर्देश दिया। बोले, यहां तो पीएचसी जैसी स्थिति है। निरीक्षण के दौरान डीएम भानुचंद्र गोस्वामी, सीडीओ प्रेम रंजन सिंह आदि रहे।
नीला-हरा डस्टबिन का अंतर नहीं पता
प्रमुख सचिव ने पूछा कि सीएमओ साहब, दो अलग रंग के डस्टबिन रखे हैं इसमें किस तरह के कचरे डाले जाते हैं? सीएमओ ने कहा कि दोनों सूखे कचरे के लिए होते हैं। तभी एसीएमओ डॉ. वीके मिश्र ने कहा ‘सर नीला डस्टबिन सूखे और हरा गीले कचरे के लिए है।’ प्रमुख सचिव ने कहा कि सीएमओ साहब आप तो फेल और एसीएमओ पास हो गए। सीएमओ कोई जवाब नहीं दे सके।
क्या आप वैक्सीन स्टोर में जाते हैं?
प्रमुख सचिव वैक्सीन स्टोर में पहुंचे। वहां फ्रीजर में रखी वैक्सीन को देखा। तापमान के लिए लगी एक मशीन खराब थी। उन्होंने सीएमओ से पूछा क्या आप कभी यह सब देखते हैं। यह ठीक नहीं है। उन्होंने दवा स्टोर में रखी दवाओं के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वह सीएमओ कक्ष में डॉक्टरों का स्थापना रजिस्टर, डॉक्टरों, आशा व एएनएम की संख्या, वाहन संबंधित जानकारी ली।
सिर्फ सीएमओ का नाम ही बेहतरीन
प्रमुख सचिव सीएमओ के कक्ष में पहुंचे तो उनकी नजर उपर लगे नेम बोर्ड पर पड़ी। इस पर उन्होंने कहा कि यहां सबसे अच्छा कुछ है तो सीएमओ का नाम है। वर्तमान सीएमओ के पूर्ववर्ती सभी सीएमओ का नाम वाला बोर्ड हटवा कर सीएमओ ने नया बोर्ड बनवाया है जिसमें अपना नाम सबसे उपर लिखवाया है बाकी पूरा बोर्ड खाली है। पिछला सीएमओ कौन था? ऐसा बोर्ड कहीं नहीं है।
सैनिक कल्याण व पुनर्वास कार्यालय की जांच
नोडल अधिकारी लोक सेवा आयोग के पास निर्माणाधीन जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि निर्माण एजेंसी यूपी सिडको कर रही है जो अगस्त 2020 तक पूरा कर लेगी। कार्य में तेजी लाने, अवैध कब्जा हटाने, निर्माणाधीन कार्य में खामी की टेक्निकल कमेटी से जांच, बिल्डिंग में बीम की ट्यूब टेस्ट व कितने बाई कितने का मसाला प्रयोग करने की जांच कराने को कहा।