Union Budget 2020 पेश करने की तारीख को लेकर सस्पेंस पर लगा विराम….

अगले साल एक फरवरी को शनिवार होने के कारण Union Budget 2020 पेश करने की तारीख को लेकर सस्पेंस पर विराम लग गया है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को ही Modi 2.0 सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगी। इससे पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि एक फरवरी, 2019 को शनिवार होने के कारण वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करने की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। अंग्रेजी अखबार ‘मिंट’ ने दो अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि अगले साल परम्परा के मुताबिक ही एक फरवरी को सीतारमण बजट भाषण पढ़ेंगी।

2015 में भी शनिवार को पेश हुआ था बजट

इससे पहले 2015 में भी तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को संसद में बजट पेश किया था। उस दौरान फरवरी के आखिरी दिन बजट पेश किये जाने की परम्परा थी। वित्त वर्ष 2017-18 से एक फरवरी को बजट पेश किये जाने की शुरुआत हुई। इस बात की उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री सीतारमण देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए इस बजट में बड़े ऐलान कर सकती हैं।

सोमवार से इंडस्ट्री के साथ विचार-विमर्श 

सीतारमण ने संवाददाताओं से शुक्रवार को कहा कि सरकार सोमवार से उद्योग के साथ बजट को लेकर विचार-विमर्श शुरू करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि वह आर्थिक वृद्धि की गति तेज करने के लिए उपायों की घोषणा से पहले अर्थव्यवस्था के हालात का विश्लेषण कर रही हैं। अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केंद्र की ओर से उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सीतारमण ने कहा, ”अब बजट बहुत निकट है….हम बजट से पहले उद्योग से विचार-विमर्श की प्रक्रिया सोमवार से शुरू करेंगे। मैं इकोनॉमी पर नजर रख रही हूं। जहां लग रहा है, उस जगह पर मैं हस्तक्षेप कर रहा हूं। जब-जब मेरे समक्ष उद्योग से जुड़ी समस्याएं आएंगी, मैं उन्हें दुरुस्त करूंगी।”

वित्त मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”अब तक जिसने (उद्योग) भी हमसे हस्तक्षेप करने को कहा है, हमने उसका जवाब दिया है। मैं ये देखना चाहता हूं कि वे कदम क्या संबंधित क्षेत्रों की उम्मीदों के मुताबिक थे या नहीं। अगर नहीं, तो मैं ये देखूंगी कि कुछ और करने की गुंजाइश है या नहीं।”

अगस्त से अब तक सरकार कर चुकी है कई उपाय

उल्लेखनीय है कि सरकार देश की आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाने के लिए अगस्त से अब तक कई कदम उठा चुकी है। सरकार ने ऑटोमोबाइल कंपनियों और बिल्डरों को राहत देते हुए कई कदम उठाए हैं। इसके साथ ही निर्यातकों को प्रोत्साहन और कॉरपोरेट टैक्स में कमी जैसी कई घोषणाएं की गई हैं। ऐसे में आर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक सरकार अगले वित्त वर्ष के बजट में व्यक्तिगत आयकरदाताओं को Income Tax relief देने की घोषणा कर सकती है।

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