हिंसा में मीडियाकर्मियों को हुए नुकसान की भरपाई का आश्वासन
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुयी हिंसा में नुकसान उठाने वाले मीडियाकर्मियों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन प्रदेश सरकार ने दिया है। सरकार ने कहा है कि किसी भी मीडियाकर्मी के साथ दुर्व्यवहार की घटना बर्दाश्त नही की जाएगी।
उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी में आज प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा को ज्ञापन सौंप कर बीते गुरुवार को नागरिकता कानून के विरोध में हुयी हिंसा के दौरान राजधानी लखनऊ व बीते दो दिनों से कानपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में मीडियाकर्मियों पर हो रहे हमलों से अवगत कराया। समिति अध्यक्ष ने कहा कि अंग्रेजी दैनिक दि हिन्दू के संवाददाता ओमर राशिद को पुलिस ने हिरासत में लेकर दुर्व्यवहार किया। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा
कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नही होने दी जाएगी। श्री तिवारी ने कहा कि बड़े पैमाने पर प्रेस छायाकारों के कैमरे तोड़े गए, ,कई समाचार चैनल की ओबी वैन जलायी गयी व संवाददाताओं पर हमले हुए हैं , जिससे उनकी निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। समिति अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया कि जिन मीडियाकर्मियों के कैमरे, गाड़ियां तोड़ी व जलाई गयी हैं और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया उसकी प्रदेश सरकार भरपाई करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व में इस तरह की घटनाओं पर पत्रकारों को मुआवजा दिया गया था। उसी तर्ज पर इस बार सरकार स्वंय या सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले बलवाईयों से वसूली गयी रकम से मुआवजा दिया जाए।
उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि पत्रकारों के साथ हुयी घटना पर वह और समूची सरकार दुखी है और नुकसान की भरपाई करने पर विचार चल रहा है।
गौरतलब है कि गुरुवार को हुयी हिंसा के तुरंत बाद मान्यता समिति ने अपर मुख्य सचिव सूचना व सूचना निदेशक को ज्ञापन सौंप पत्रकारों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग की थी।
अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की ओर से हिंसा प्रभावित मीडियाकर्मियों की पहचान व उनके नुकसान के आकलन के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया जा रहा है जिसमे
उपाध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष ज़फर इरशाद, संयुक्त सचिव
तमन्ना फरीदी, सदस्य
अनिल सैनी और अंकित श्रीवास्तव शामिल हैं।
कमेटी के सदस्य एक सप्ताह के भीतर आकलन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे जिससे नुकसान और मुआवजे का विवरण सम्बंधित अधिकारियों को दिया जा सके ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी और सूचना निदेशक शिशिर भी मौजूद थे