पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुलकर उतर आए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के पक्ष में…
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुलकर वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति पर मनप्रीत बादल का इस्तीफा मांगने के शिरोमणि अकाली दल की मांग को हास्याप्रद बताया। कहा कि राज्य को आर्थिक संकट में धकेलने के लिए अकाली दल पूरी तरह से जिम्मेदार है। राज्य को फिर से अपनेे पैरों पर खड़ा करने के लिए उनकी सरकार मेहनत कर रही है। वहीं, कैप्टन नेे इस बयान सेे अपनी ही पार्टी के सांसद रवनीत बिट्टूू को भी जवाब दिया है। बिट्टू नेे भी मनप्रीत पर निशाना साधते हुए कैबिनेट में फेरबदल करने की बात उठाई थी।
कैप्टन ने कहा कि दस साल सत्ता सुख भोगने वाले अकालियों ने अपने निजी हितों के लिए राज्य को आर्थिक संकट की ओर धकेला। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में उन्होंने राज्य का खजाना भरा था, लेकिन इसके बाद आई अकाली-भाजपा सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति को बदहाल कर दिया। कैप्टन ने कहा कि अकाली सरकार ने उद्योग धंधों को भी चौपट कर दिया था।
उन्होंने कहा कि निवेशक विरोधी नीतियों के कारण कारोबारी परेशान थे। सरकार की इन नीतियों के कारण राज्य पर कर्ज बढ़ा। अब इस कर्ज को उतारने के लिए उनकी सरकार काम कर रही है। सीएम ने कहा कि साल 2017 में विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले अकाली-भाजपा सरकार ने केंद्रीय पुल के लिए अनाज की खरीद के संबंध में सूबे सिर 31000 करोड़ रुपये का कर्ज़ और चढ़ा दिया, जिससे वित्तीय संकट और गहरा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति अकालियों से विरासत में मिली है। अब इस संकट के लिए अकाली दल मगरमच्छ के आंसू बहा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है कि अकाली अपने इस काम पर अफसोस करने या माफी मांगने के बजाय वित्त मंत्री पर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं।
कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार निवशकों व उद्योगों का भरोसा बहाल कर राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में पूरी ताकत से जुटी है। नई औद्योगिक नीति और कारोबार को आसान बनाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। कैप्टन ने कहा कि दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि केंद्र सरकार जीएसटी का राज्यों का हिस्सा समय पर देने में नाकाम रही है। इसके कारण पंजाब में रुकावट पैदा हो रही है।
उन्होंने कहा कि हालांकि अकाली दल केंद्र में भाजपा के साथ भागीदार है, लेकिन वह निर्लज्जता के साथ राज्य की वित्तीय समस्याओं का दोष मौजूदा सरकार पर मढ़ रहे हैं। उन्होंने अकाली दल को राज्य की आर्थिकता की चिंता छोड़ अपने राजनीतिक भविष्य की फिक्र करने को कहा। कैप्टन ने कहा कि राज्य की बागडोर अब सुरक्षित हाथों में है।