हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद अब यहां के नेता दिल्ली के रण में उतरने को तैयार…
हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद अब यहां के नेता दिल्ली के रण में उतरने को तैयार हैं। तीन ओर से हरियाणा से घिरी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मतदान के लिए भले ही चुनाव आयोग ने अभी शेड्यूल जारी नहीं किया, लेकिन हरियाणा के योद्धा पूरी तरह एक्शन मोड में आ गए हैैं। हरियाणा भाजपा और कांग्रेस के नेता जहां दिल्ली चुनाव में दमदार प्रदर्शन कर खुद को साबित करने की कोशिश में हैं, वहीं नई नवेली जननायक जनता पार्टी के सामने एक बार फिर खुद को साबित करने की बड़ी चुनौती है।
70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में दो दर्जन से अधिक सीटों पर हरियाणवियों का पूरा दखल है। खासकर बाहरी दिल्ली में करीब एक दर्जन सीटों पर जाट मतदाता चुनावी हार-जीत में अहम भूमिका निभाने की ताकत में हैं। दिल्ली में 21 साल बाद सत्ता में वापसी की राह तलाश रही भाजपा ने हरियाणा की गठबंधन सरकार में पहले ही चार जाट मंत्रियों को शामिल कर जाटों को रिझाने का दांव खेला है। राज्य में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के संयोजक दुष्यंत चौटाला भी जाट हैैं।
हरियाणा में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी दिल्ली में भी गठबंधन कर चुनावी ताल ठोंक सकती है। चुनावी माहौल बनाने के लिए भाजपा ने प्रदेश के 31 दिग्गजों को प्रचार रण में उतार दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, राव इंद्रजीत, चौ. बीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु, विपुल गोयल, कविता जैन और मूलचंद शर्मा दिल्ली की चुनावी जंग को काफी हद तक प्रभावित करने का माद्दा रखते हैैं।
कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस की प्रधान कुमारी सैलजा, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और विधायक किरण चौधरी अब दिल्ली में सक्रिय हो गए हैैं। हरियाणा की राजनीति में आने से पहले किरण चौधरी दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। दिल्ली में उनका खासा प्रभाव है। वहीं, कांग्रेस की दिल्ली में होने वाली रैलियों में सर्वाधिक भीड़ जुटाकर पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा खुद को कई बार साबित कर चुके हैैं।
पूर्व में कई मौकों पर भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लडऩे वाला इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) अब टूट चुका है। दिल्ली विधानसभा में कभी अपना विधायक बैठाने वाली इस पार्टी की जगह अब जजपा ने ले ली है। जजपा की कोशिश विधानसभा के लिए भाजपा से गठबंधन कर चुनाव लडऩे की है। खासकर बाहरी दिल्ली की आधा दर्जन सीटों पर जजपा की निगाह है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सांसद रहते यहां काफी सक्रिय रहे हैं जिसका फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिल सकता है।
केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक और स्कूलों के जवाब में भाजपा का सुशासन
भाजपा ने दिल्ली में आप को घेरने के लिए पूरा चक्रव्यूह तैयार कर रखा है। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी स्कूलों में आमूल-चूल बदलाव को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ललकारते रहे केजरीवाल को अब हरियाणा के भाजपाई सुशासन से जवाब देने की तैयारी में हैैं। हरियाणा के चुनाव में केजरीवाल का पूरा दखल रहा था। हरियाणा में आम आदमी पार्टी का मजबूत और बड़ा नेटवर्क है। यहां के आप कार्यकर्ता भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकते नजर आएंगे।
केजरीवाल के पुराने योद्धा नवीन जयहिंद जुटे तैयारी में
अरविंद केजरीवाल खुद हरियाणा के हिसार जिले में पड़ते सिवानी से हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हरियाणा आप के प्रधान नवीन जयहिंद की अगुवाई में प्रदेश के बड़े पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो स्थानीय नेताओं के साथ सभी हलके नापेंगे। खासकर दिल्ली से लगते गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और बहादुरगढ़ के लोगों का चुनाव में खासा दखल रहेगा। दिल्ली के हरियाणा से प्रभावित इलाकों को फतेह करने की मंशा से नवीन जयहिंद ने आप की हरियाणा इकाई के प्रभारी गोपाल राय तथा राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता के साथ मंथन शुरू कर दिया है।