माउंट एवरेस्ट तक पहुंचने वाली एशिया की पहली दंपती आर्थिक मदद पाने दर-दर भटके, अब टूट रहा एक सपना
सुषमा शर्मा और विकास कौशिक की राह में बाधाओं के तमाम थपेड़े भी आए, लेकिन हार नहीं मानी। अपने जुनून के चलते दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह भी किया। एवरेस्ट पर तिरंगा फहराते हुए संकल्प लिया था कि अन्य छह चोटियों को भी अपने हौसले के कदमों से नापेंगे। वापस लौटे तो देश-दुनिया में नाम हुआ। मान भी मिला। हालांकि यहीं से एशिया की अकेली व दुनिया की सबसे युवा पर्वतारोही दंपती की अग्नि परीक्षा शुरू हुई। अपने मिशन को पूरा करने के लिए पसीना भी बहाया। लेकिन धन के अभाव में अब इनका सपना लगातार टूट रहा है।
सुषमा शर्मा रोहतक के निदाना गांव की रहने वाली हैं, जबकि इनके पति विकास कौशिक जलालपुर (पानीपत) के निवासी हैं। साल 2009 में दोनों की शादी हुई। विकास वालीबॉल और फुटबाल के राज्यस्तरीय खिलाड़ी थे। पर्वतारोही बनने का कभी ख्याल ही नहीं आया। हालांकि सुषमा सभी खेलों में माहिर रहीं। साथ ही पर्वतारोही बनने के लिए 2002 से सपना देखा। 2004 में उत्तरकाशी (उत्तराखंड) से बेसिक कोर्स किया।
शादी के बाद अपने दिल की बात पति विकास को बताईं तो उन्होंने अपनी पत्नी सुषमा का सपना पूरा करने के लिए पूरी दम लगा दी। उस दौरान भी आर्थिक तंगी सामने खड़ी थी। लेकिन इस दंपति के जिद के आगे सभी बाधाएं बौनी साबित हुईं।
उम्मीदों के सहारे हर रोज चार-चार घंटे अभ्यास
सुषमा व विकास को सरकार ने सब इंस्पेक्टर बनाया था। मदद की गुहार भी सभी से लगाई। एवरेस्ट तक पहुंचने वाली एशिया की पहली और दुनिया में सबसे युवा दंपती हैं। डीएसपी पद पाने के लिए कोर्ट तक की लड़ाई लडऩी पड़ रही है। मधुबन में हर रोज चार-पांच घंटे दीवार पर रोप क्लाइबिंग का अभ्यास करते हैं।
पहली बार गहने और पुश्तैनी दुकान बेचनी पड़ी
इन्होंने बताया है कि साल 2011 में सरकार से मदद की गुहार लगाई तो तीन लाख रुपये मिले। उद्यमी नवीन ङ्क्षजदल ने पांच लाख, एशियन पेंट ने एक लाख, गुरुग्राम की एक स्टील कंपनी ने दो लाख रुपये की मदद की। माउंट एवरेस्ट तक पहुंचने के लिए एक व्यक्ति का खर्चा 18-20 लाख रुपये था। मजबूरी में पानीपत की एक पुश्तैनी दुकान और कुछ गहने भी बेचने पड़े।
दुनिया में सबसे मुश्किल माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई
पर्वतारोही विकास ने बताया है कि दुनिया की सात प्रमुख चोटियां (सेवन समिट्स) हैं। इनका कहना है कि दुनिया में सबसे मुश्किल चढ़ाई माउंट एवरेस्ट की है। विकास एवं सुषमा ने एवरेस्ट पर 20 मई 2011 में नेपाल की तरफ से चढ़ाई की। इस चोटी को फतह करने में 60 दिन लगे थे।