‘मोक्षदायिनी’ मां गंगा जिस शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषित हुईं हैं, उन्हें मिलेगा वहीं ‘मोक्ष’

‘मोक्षदायिनी’ मां गंगा जिस शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषित हुईं हैं, उन्हें वहीं ‘मोक्ष’ मिलेगा। उनमें समाहित होकर पानी को गंदा करने वाले नाले, औद्योगिक इकाइयों के कचरे की समस्या हमेशा के लिए दूर होगी, जिससे ‘पतितपावनी’ की धारा अविरल, निर्मल और कलकल करती आगे तक बहेगी। कानपुर ‘भागीरथी’ के उद्धार का केंद्र बनेगा।

यहां गंगा यात्रा का समागम होने जा रहा है, जिसमें साधु, संत, कलाकार, पर्यावरण प्रेमी समेत लाखों लोग सम्मलित होंगे। गंगा बैराज पर श्रद्धा, आस्था, उमंग, उल्लास का नजारा रहेगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के मंत्री भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र के कुछ मंत्रियों के भी शामिल होने की उम्मीद है। पुलिस और प्रशासन ने आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं।

बलिया और बिजनौर से शुरू होगी गंगा यात्रा

‘गंगा यात्रा’ की शुरुआत बलिया और बिजनौर से अलग-अलग होगी। यह गंगा से सटे गांवों से होते हुए गुजरेगी। इसमें शामिल लोग पतितपावनी की गुणवत्ता, शुचिता को लेकर जागरुकता संदेश देंगे। गंगा मैली न करने की शपथ दिलाएंगे। यह यात्रा 29 से 31 जनवरी तक कानपुर प्रस्तावित है। आयोजन स्थल गंगा बैराज रहेगा। जिला प्रशासन ने जिला पंचायती राज विभाग और नगर निगम घाटों और साथ लगते गांवों में व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को गंगा ही नहीं सहायक नदियों पर भी नजर रखने के लिए कहा गया है। किसी भी सूरत में गंगा में गंदगी न जाने देने के निर्देश जारी हुए हैं। सीडीओ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि गंगा यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।

गंगा से सटे 40 गांवों में होंगे ये काम

  • भूगर्भ जल संरक्षित करने के लिए गंगा तालाबों का होगा निर्माण।
  • ग्रामीणों के लिए शौचालय बनाए जाएंगे।
  • खेल के मैदान और छोटे स्टेडियम तैयार होंगे।
  • उप स्वास्थ्य केंद्रों के बनाने की तैयारी।
  • छात्र-छात्राओं के लिए उद्यमिता विकास के कार्यक्रम चलेंगे।
  • गंगा से 500 मीटर की दूरी पर पौधे लगाए जाएंगे।
  • किसानों को जैविक खेती करने की जानकारी दी जाएगी।

नगर निगम को सौंपी जिम्मेदारी

  • गंगा किनारे के बाकी बचे घाटों का सौंदर्यीकरण होगा।
  • गंगा किनारे के शहरी क्षेत्रों में सीवर लाइन की व्यवस्था।
  • साफ और सुरक्षित पेयजल की सुविधा।
  • गंगा किनारे स्वच्छता और साफ सफाई रखी जाएगी।
  • अस्थाई तालाब का निर्माण कराया जाएगा।
  • वन विभाग के संग मिलकर पौधारोपण कराया जाएगा।
  • घाटों के पास बच्चों के खेलने की सुविधा रहेगी।
  • दिव्यांग भी गंगा के दर्शन कर सकेंगे। उसकी व्यवस्था की जाएगी।

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