एक बार फिर गर्माया हरियाणा के CM मनोहरलाल व अनिल विज के बीच का विवाद…
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने राज्य के गृहमंत्री अनिल विज को अपनी ताकत दिखाई है। सीआइडी (क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) की रिपोर्टिंग को लेकर गृह मंत्री विज से कथित विवाद का मामला पार्टी हाई कमान तक पहुंचने के बाद मनोहर लाल ने पावर का अहसास कराया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रभारी डॉ. अनिल जैन द्वारा मुख्यमंत्री को ही सर्वेसर्वा करार दिए जाने के बाद विज नरम हुए हैं, तो प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि अब सीआइडी को सीएम ही संभालेंगे। इसके बाद सीएम और गृहमंत्री का यह विवाद फिर गर्माता दिख रहा है। अनिल विज ने बुधवार को कहा कि सीआइडी राज्य का गृहमंत्री होने के नाते उनके पास ही है। इसे इस तरह वापस नहीं लिया जा सकता है।
अनिल विज ने दिया रूल ऑफ़ बिज़नेस का हवाला, बोले- सीआइडी अब भी उनके अधीन
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री कार्यालय और हरियाणा विधानसभा की बेवसाइट पर सीआइडी को मुख्यमंत्री के अधीन दिखाए जाने पर बुधवार को बड़ा बयान दिया। अनिल विज ने कहा, ‘सरकार वेबसाइट से नहीं रूल ऑफ़ बिज़नेस से चलती है। रूल ऑफ़ बिज़नेस के तहत सीआइडी अब भी गृह विभाग के पास है।’
अनिल विज ने कहा कि मुख्यमंत्री सभी विभाग के सर्वे सर्वा होते हैं, मगर कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर विधानसभा में बिल पास करवा की सीआइडी विभाग मुख्यमंत्री के पास जा सकता है। उन्होंने रूल ऑफ बिजनेस के मुताबिक सीआइडी उनके (अनिल विज) के पास ही हैं।
सीएम और विज के बीच तनातनी के खत्म होने के बाद नई व्यवस्था
इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय एवं हरियाणा विधानसभा की वेबसाइट के जरिये साफ किया गया कि सीआइडी गृह मंत्री अनिल विज के पास नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के पास रहेगा। मुख्यमंत्री के प्रोफाइल में पांच और महकमे जोड़े गए हैं। इससे पहले 14 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन में मुख्यमंत्री के पास 12 विभाग दिखाए गए थे। इनमें वित्त, नगर और ग्राम आयोजन एवं शहरी संपदा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई एवं जल संसाधन, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार, सूचना, लोक संपर्क एवं भाषा, आवास, योजना, न्याय प्रशासन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, वास्तुकला व सामान्य प्रशासन शामिल हैं।
कार्मिक व प्रशिक्षण, राजभवन मामले, संस्थागत वित्त एवं क्रेडिट नियंत्रण तथा चुनाव विभाग भी देखेंगे सीएम
इसके साथ ही अन्य विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए, वह भी मुख्यमंत्री के पास दिखाए गए हैं। अब मुख्यमंत्री कार्यालय और विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर मंत्री परिषद बाबत अपलोड की गई सूची में पांच और महकमे कार्मिक एवं प्रशिक्षण, राज भवन मामले, संस्थागत वित्त एवं क्रेडिट नियंत्रण, चुनाव और सीआइडी को मुख्यमंत्री के पास दर्शाया गया है।
प्रशासनिक तौर पर सीआइडी को गृह विभाग का हिस्सा माना जाता है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्रियों ने जब भी अपनी कैबिनेट में किसी को गृह मंत्री बनाया तो गुप्तचर विभाग अपने पास ही रखा। बाकायदा नोटिफिकेशन में यह जिक्र होता था कि गुप्तचर विभाग मुख्यमंत्री के पास रहेगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल अक्टूबर 2014 में पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उनके विभागों की गजट नोटिफिकेशन में सीआइडी का स्पष्ट उल्लेख नहीं था। हालांकि तब गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास था, इसलिए सीआइडी सीधे उन्हें ही रिपोर्ट करती रही। विवाद तब खड़ा हुआ जब मौजूदा सरकार में अनिल विज को गृह मंत्री बनाया गया। तभी से अफसरशाही में इस पर असमंजस बना हुआ था कि सीआइडी गृह मंत्री को रिपोर्ट करे या फिर मुख्यमंत्री को।
पहली बार सीआइडी को दिखाया अलग महकमा
हरियाणा सरकार के मौजूदा कार्य संचालन (आवंटन) नियमों, 1974 में सीआइडी को अलग विभाग के तौर पर नहीं दिखाया गया है। गृह विभाग के अंतर्गत ही सीआइडी का उल्लेख है। यह पहली बार है जब सीआइडी को अलग महकमा दिखाया गया है। हालांकि गृह विभाग के कार्यों में उल्लेख है कि सीआइडी के महत्वपूर्ण केस मुख्य सचिव की मार्फत भेजे जाएंगे।
विज के तीन महकमे सीएम और जेल मंत्री के पास
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर गृह विभाग में गृह (पुलिस) के अलावा जेल विभाग, सीआइडी और न्याय प्रशासन विभाग भी आते हैं। इन सबका एक ही प्रशासनिक सचिव होता है। वर्तमान में पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन के पास गृह विभाग का अतिरिक्त कार्यभार है। अनिल विज गृह मंत्री हैं, लेकिन जेल विभाग कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के पास है। इसी तरह न्याय प्रशासन विभाग और सीआइडी को मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है।
सीआइडी गृह विभाग का पार्ट : विज
” हरियाणा के गृह विभाग के संविधान में सीआइडी उसी का पार्ट है। गृह विभाग की कार्यसूची में सीआइडी पांचवें नंबर पर है। इसलिए सीआइडी को गृह विभाग से अलग करके नहीं देखा जा सकता और गृहमंत्री मैं हूं।