16 देशों के राजदूतों ने लिया कश्‍मीर का जायजा, स्थानीय लोगों ने की मोदी सरकार की तारीफ

अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद 16 देशों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर का पहला आधिकारिक दौरा किया. इसमें अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर समेत 17 देशों के दूत श्रीनगर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने घाटी के स्थानीय नेताओं और जनता से हालात का जायजा लिया.

इस प्रतिनिधिमंडल में वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ब्राज़िल, उज़्बेकिस्तान, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुआना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फ़िजी, जाना, बांग्लादेश और पेरू के प्रतिनिधि शामिल थे.

कश्मीर घाटी का जायजा लेने के बाद विदेशी प्रतिनिधियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के उन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिसमें पड़ोसी मुल्क द्वारा कहा जा रहा था कि घाटी में रक्तपात हो रहा है.

5 अगस्त यानी अनुच्छे 370 के हटने की तारीख के बाद राज्य में किसी तरह का खून-खराबा नहीं हुआ. इसको लेकर प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार की प्रशंसा की.
 
प्रतिनिधमंडल से स्थानीय लोगों ने कहा कि इस मामले में सहमत होने में कुछ कठिनाइयां थीं, लेकिन व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक था.

वहीं, उन्होंने आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान की हताशा और अनथक प्रयासों को भी उजागर किया.

स्थानीय लोगों ने जम्मू-कश्मीर में हत्याओं के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और दूतों को पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए कहा ताकि पड़ोसी मुल्क हस्तक्षेप नहीं कर सके.

उन्होंने बताया गया कि जम्मू-कश्मीर के लोग पाकिस्तान को एक इंच भी दखल नहीं देने देंगे.

कश्मीर दौरे पर पहुंचे दूतों ने श्रीनगर की सड़कों पर खुली दुकानें और सड़कों यातायात और लोगों को सामान्य माहौल में घूमते देखा.

सूत्रों के मुताबिक, इन विदेशी प्रतिनिधियों ने 9-10 जनवरी को वहां जाने की अनुमति मांगी थी. सूत्रों का यह भी कहना है कि इनकी तरफ से कश्‍मीर के हालात का जायजा लेने की गुजारिश आई थी.

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