Chandra Grahan 2020 : आज रात 10.37 पर लगेगा चंद्र ग्रहण, भारत में देखा जा सकेगा
Chandra Grahan 2020 : आज 10 जनवरी, शुक्रवार को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसके बाद इसी साल में तीन और चंद्र ग्रहण होंगे। ग्रहण का समय रात 10 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा। यह रात 2 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगा। इस ग्रहण के बारे में खास यह है कि इसे भारत में भी देखा जा सकेगा। विश्व में इस ग्रहण को यूरोप, एशिया, अफ्रीका व आस्ट्रेलिया महाद्वीपों में भी देखा जा सकता है। यह वर्ष 2020 का पहला चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद साल में तीन और चंद्र ग्रहण होंगे। इसके अलावा दो सूर्य ग्रहण भी होंगे। ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले से आरंभ हो जाएगा। भारतीय समय के अनुसार 10 जनवरी की सुबह 10 बजे से यह सूतक लग जाएगा।
क्या होता है चंद्र ग्रहण, कैसे लगता है
सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा पर पृथ्वी छाया पड़ने लगती है, तो इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। चांद के संपूर्ण बिंब पर हसिया के समान काली छाया नज़र आती है। इस अवस्था को आंशिक या खंड ग्रहण कहा जाता है। कुछ मौकों पर यह काली छाया चांद को पूरी तरह से ढंक लेती है। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण या खग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
पिछले साल भी गुरु पूर्णिमा पर लगा था चंद्रग्रहण
2019 में भी चंद्र ग्रहण के समय गुरु पूर्णिमा थी। यह ग्रहण 17 जुलाई की रात को लगा था। इस ग्रहण में खास यह था कि यह 149 साल बाद विशेष संयोग में था। इसमें ग्रहों की दृष्टि 149 साल पहले की तरह ही शनि, केतु और चंद्र धनु राशि में बैठे थे। राहु, सूर्य और शुक्र मिथुन राशि में बैठे थे। एशियाई देशों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, सिंगापुर, फिलिपींस, मलेशिया और इंडोनेशिया के साथ ईरान, इराक, तुर्की और सऊदी अरब में भी इसे देखा गया।
ऐसे होती है यह खगोलीय घटना
चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। यह सूर्य से रोशनी प्राप्त करता है। अपनी अंडाकार धुरी पर यह एक महीने में पृथ्वी का एक चक्कर काट लेता है। पृथ्वी और चंद्रमा की धुरियां एक दूसरे पर 5 डिग्री का कोण बनाती हैं और दो जगहों पर काटती हैं। ये स्थान ग्रंथि कहलाते हैं। चांद और पृथ्वी परिक्रमा करते हुए सूर्य की सीधी रेखा में नहीं आते हैं, यही वजह है कि पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर नहीं पड़ती। लेकिन पूर्णिमा की रात में परिक्रमा करता हुआ चंद्रमा जब पृथ्वी की कक्षा के पास आ जाता है और पृथ्वी की अवस्था सूर्य व चंद्रमा के बीच एक सीध में होती है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है। इसी को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।