दिल्ली के आरएमएल में भर्ती संदिग्ध मरीजों के खून की जांच रिपोर्ट का इंतजार

Corona virus : राममनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित संदिग्ध तीनों मरीजों के खून के नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान भेज दिया गया है। तीन-चार दिन में रिपोर्ट आ जाएगी, जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर उनका इलाज किया जाएगा।

मंगलवार को अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज ने प्रेसवार्ता में कहा कि तीन मरीज सोमवार को स्वयं खांसी-जुकाम की शिकायत को लेकर अस्पताल में इलाज के लिए आए थे। इसके बाद उनको संदिग्ध मानते हुए विशेष वार्ड में भर्ती कर दिया है। इनमें एक गाजियाबाद जबकि दो दिल्ली के निवासी हैं। एक मरीज एक माह, दूसरा एक सप्ताह और तीसरा चार दिन पहले ही भारत लौटा है। तीनों चीन के शंघाई, बीजिंग और ग्वांगझोउ से आए थे।

उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए आरएमएल ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए अस्पताल में न केवल विशेष वार्ड बनाया गया है बल्कि चिकित्सकों को भी इलाज के सुरक्षित ड्रेस भी उपलब्ध करा दी गई है। इस वार्ड में आठ बिस्तर हैं। जिन्हें जरूरत पड़ने पर और बढ़ाया जा सकता है।

चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि हम संक्रमण नियंत्रण की सभी प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। साथ ही संदिग्ध मामलों को देखते वक्त सुरक्षात्मक उपकरणों का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम मरीजों के तीमारदारों व रिश्तेदारों को मिलने से रोक रहे हैं। अगर जरूरत हैं तो संक्रमणरोधी ड्रेस पहनाकर ही मिलने दिया जा रहा है।

कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले आने के बाद स्वास्थ्य से संबंधित एजेंसियां सतर्क हो गईं हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के अनुसार, कोरोना वायरस का संक्रमण सामान्य तौर पर पशु-पक्षियों से फैलता है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने निर्देश दिया है कि अधपके मीट के सेवन से परहेज करना चाहिए। वहीं खांसने व छींकने के दौरान मुंह को ढककर रखें। किसी को खांसी, सर्दी व बुखार हो तो उसके संपर्क में न आएं।

20 लोगों के सैंपल की अब तक जांच

आइसीएमआर ने कहा है कि पुणे स्थित राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान (एनआइवी) में अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से भेजे गए 20 सैंपल की जांच की गई है। इनमें किसी में कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।

दिल्ली में अभी तक नहीं है जांच की सुविधा: कोरोना वायरस से निपटने के लिए दिल्ली के एम्स, आरएमएल व सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए व्यवस्था की गई है। चिंताजनक स्थिति यह है कि दिल्ली में अभी इसकी जांच की सुविधा नहीं है।

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