शाहीन बाग में एक महिला को लेकर शुरू हुआ हंगामा, प्रदर्शनकारियों ने पकड़ा
दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में धरना स्थल पर उस वक्त हंगामा शुरू हो गया, जब एक संदिग्ध महिला को बुर्के में वीडियो बनाते वक्त धरना दे रही महिलाओं ने पकड़ लिया. दरअसल, बुर्का पहनी यह महिला बुधवार को प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच बैठकर उनसे कुछ सवाल कर रही थी. तभी प्रदर्शनकारी महिलाओं को उस पर शक हुआ और उसकी तलाशी ली गई. तलाशी में उसके पास से कैमरा निकला. बस इसी बात पर वहां हंगामा होने लगा.
इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने संदिग्ध महिला की सूचना पुलिस को दी. पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और महिला को अपनी हिरासत में ले लिया. जानकारी के मुताबिक, महिला का नाम गुंजा कपूर है, जो अपना एक यूट्यूब चैनल चलाती है. अब पुलिस उस महिला से पूछताछ कर रही है.
ट्विटर पर पीएम मोदी करते हैं फॉलो
गुंजा कपूर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो करते हैं. खुद गुंजा कपूर ने इस बात का खुलासा किया है. गुंजा ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि नए साल के मौके पर पीएम मोदी ने मुझे फॉलो किया. ये मेरा नए साल का गिफ्ट है.
धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि गुंजा कपूर नाम की महिला बुर्के में कैमरा लगाकर वीडियो बना रही थी. उसके पास इस का जवाब नहीं था कि वो बुर्का पहनकर वहां क्यों आई और छुपकर वीडियो क्यों बना रही थी. पुलिस ने अभी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.
आपको बताते चलें कि बीते शनिवार को शाहीन बाग इलाके में एक शख्स ने गोली चला दी थी. पुलिस ने आरोपी को उसी वक्त हिरासत में ले लिया था. दिल्ली के शाहीन बाग में फायरिंग करने वाले युवक कपिल गुर्जर की पहचान पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसको दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग में फायरिंग करने वाले कपिल गुर्जर की तीन दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ दो दिन की ही हिरासत दी.
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कपिल गुर्जर के रिमांड की मांग इसलिए की है, ताकि वह इस बात का पता लगा सके कि शाहीन बाग में फायरिंग के पीछे किसकी कोई साजिश या किसी संगठन का हाथ है. अगर इस गोलीकांड में किसी व्यक्ति या संगठन के साजिश की बात सामने आती है, तो उसके खिलाफ भी दिल्ली पुलिस कार्रवाई करेगा.
दरअसल, शाहीन बाग में पिछले 45-50 दिनों से नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है. इस पहले जामिया नगर(Jamia) में नागरिकता कानून के विरोध में छात्रों के द्वारा प्रदर्शन पर भी गोली चलाई गई थी.