हाई कोर्ट ने इस मामले में 19 फरवरी को केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब

अंतरराष्ट्रीय सटोरिये संजीव चावला को जेल भेजे जाने से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच हाथ मलती रह गई और उससे पूछताछ नहीं कर सकी। हालांकि वह उसे रिमांड पर लेने की दोबारा कोशिश करेगी। हाई कोर्ट ने इस मामले में 19 फरवरी को केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉ. राम गोपाल नाइक का कहना है कि उन्होंने ब्रिटेन की अदालत में कहा था कि चावला को भारत ले जाकर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जा सकता है। इसलिए उसको दोबारा रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट के समक्ष मजबूती से पक्ष रखेंगे।

उनका कहना है कि वर्ष 2000 में केस दर्ज होते ही चावला दिल्ली छोड़कर ब्रिटेन भाग गया। इसलिए उससे कभी पूछताछ नहीं की जा सकी।दरअसल, चावला को लंदन से प्रत्यर्पण पर दिल्ली लाने के बाद क्राइम ब्रांच ने गुरुवार शाम उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए 12 दिन की रिमांड ली थी। अचानक उसका भाई हाई कोर्ट चला गया और उसे राहत मिल गई।

दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने वाले चावला के भाई का रियल एस्टेट का काम है। उसने हाई कोर्ट में बताया कि भारत सरकार ने ब्रिटेन की अदालत को आश्वासन दिया है कि चावला को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा। उसे ट्रायल फेस करने के लिए बुलाया गया है न कि इंवेस्टिगेशन ज्वाइन करने के लिए। वहीं, एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि संजीव चावला से पूछताछ बहुत जरूरी है। वह किसी सटोरिये के कहने पर मैच फिक्सिंग के धंधे में आया था।

छह लोगों को बनाया था आरोपित

मैच फिक्सिंग मामले में क्राइम ब्रांच ने शुरुआती जांच के आधार पर केस में केवल छह लोगों को आरोपित बनाया था। इसमें तत्कालीन दक्षिण-अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए, टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार के भाई किशन कुमार, राजेश कालरा, बिट्टू, मनोहर खट्टर व संजीव चावला शामिल हैं। 2002 में हैंसी क्रोनिए की विमान हादसे में मौत हो गई। किशन कुमार, राजेश कालरा व बिट्टू को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। तीनों अभी जमानत पर हैं। बताया जा रहा है कि मनोहर खट्टर की मौत हो चुकी है, लेकिन इसका कोई सुबूत नहीं है।

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