केंद्र अपनी महत्वपूर्ण योजना पीएम-किसान के तहत अभी तक किसानों को 50,850 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। यह आर्थिक मदद किसानों को खेती संबंधी प्रारंभिक खर्च और घरेलू खर्चो को पूरा करने में समर्थ बनाने के लिए की गई है। कृषि मंत्रलय ने योजना के तहत हुई प्रगति साझा की है। योजना की पहली वर्षगांठ 24 फरवरी को है। पिछले वर्ष 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-किसान योजना को औपचारिक रूप से लांच किया था।योजना के तहत केंद्र तीन बराबर किस्तों में किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये हस्तांतरित करता है। उच्चतर आय से संबंधित विभिन्न मापदंडों के आधार पर यह भुगतान किया जाता है।
सरकार के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) नाम की नई केंद्रीय योजना के शुरू होने की पहली वर्षगांठ 24 फरवरी 2020 को है।’ यह योजना देश भर के सभी भूमि धारक किसानों को आय समर्थन मुहैया कराने के लिए लांच की गई। इसका उद्देश्य उन्हें कृषि से संबंधित खर्च के साथ ही घरेलू जरूरतें पूरी करने में समर्थ बनाना है। योजना के तहत कुल लाभार्थियों की संख्या करीब 14 करोड़ है। यह अनुमान कृषि जनगणना 2015-16 पर आधारित है। इस साल 20 फरवरी तक 8.46 करोड़ किसानों को लाभ दिया जा चुका है।
योजना दिसंबर 2018 से प्रभावी है। पात्रता के संबंध में लाभार्थियों की पहचान की अंतिम तारीख एक फरवरी 2019 है। पहचान की पूरी जिम्मेदारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर है। शुरू में योजना के तहत देश भर के दो हेक्टेयर खेती योग्य जमीन वाले सभी छोटे और मध्यम किसान परिवारों को आर्थिक समर्थन मुहैया कराया गया था। बाद में जमीन को दरकिनार करते हुए सभी किसान परिवारों को इसके दायरे में लाया गया। सक्षम किसानों जैसे आयकर देने वाले, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि पेशेवरों और 10,000 प्रतिमाह पेंशन पाने वालों को योजना से बाहर रखा गया है।