माथे पर तिलक लगाने से एकाग्रता में बढ़ोतरी होती: धर्म
रीति-रिवाज और परंपराएं हर किसी की व्यक्तिगत आस्था का सवाल होती हैं। लेकिन हिंदू धर्म में बहुत से ऐसे रीति-रिवाज हैं जिनके वैज्ञानिक आधार हैं।
हाथ जोड़कर नमस्कार करना हिंदू धर्म की प्राचीन परंपरा और सभ्यता है। दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करने से आप सामने वाले को सम्मान भी देते हैं साथ ही इस क्रिया के वैज्ञानिक महत्व के कारण आपको शारीरिक लाभ भी मिल जाता है।
जब हम दोनों हाथों को आपस में जोड़ते हैं तो हमारी हथेलियों और उंगलियों के उन बिंदुओं पर दबाव पड़ता है जो आंख, नाक, कान, दिल आदि शरीर के अंगों से सीधा संबंध रखते हैं।
इस तरह दबाव पड़ने को एक्वा प्रेशर चिकित्सा भी कहते हैं। इस तरह नमस्कार करने से हम सामने वाले के स्पर्श में भी नहीं आते हैं, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता है।
दोनों भौहों के बीच माथे पर तिलक लगाने से उस बिंदू पर दवाब पड़ता है जो हमारे तंत्रिका तंत्र का सबसे खास हिस्सा माना जाता है। तिलक लगाने से इस खास हिस्से पर दबाव पड़ते ही ये सक्रिय हो जाता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होने लगता है। तिलक लगाने से एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है। चेहरे की मांसपेशियों में रक्त का संचार भी सही से होता है।