जानिए हर साल आठ मार्च की ही क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. महिला दिवस की शुरुआत वैसे तो 1908 में हुई थी लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1975 में इसे मान्यता दी गई थी. इसके बाद से विश्वभर के कई देशों में 8 मार्च को महिला दिवस (Women’s Day 2020) मनाया जाने लगा. हर साल महिला दिवस (Women’s Day) को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल महिला दिवस की थीम ”I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights” है. इसका मतलब महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और जेंडर इक्वेलिटी पर बात करना है.
कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत?
1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई थी. दरअसल, न्यूयॉर्क में कई सारी महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी के घंटे कम करने और वेतनमान बढ़ाने की मांग की थी. महिलाओं को उनके आंदोलन में सफलता मिली और इसके एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया.
8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस?
दरअसल, 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल की थी. महिलाओं ने अपनी हड़ताल के दौरान अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी कराया था. इसके बाद वहां के सम्राट निकोलस को उसका पद छोड़ना पड़ा था और अंत में महिलाओं को मतदान का अधिकार भी दिया गया था. रूसी महिलाओं द्वारा यह विरोध 28 फरवरी को किया गया था. वहीं यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां की थीं. इसी कारण 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत हुई थी.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का क्या है महत्व?
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए मनाया जाता है. इसके अलावा महिलाओं को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए यह दिवस बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी कारण हर साल महिला दिवस पर अलग-अलग थीम रखी जाती हैं.