कनपुरिए ने होली पर गटकी 61 करोड़ रुपये की शराब पिछले साल से 8% ज्यादा

होली पर 61.10 करोड़ रुपए की शराब कनपुरिए गटक गए। सबसे ज्यादा अंग्रेजी, फिर देसी ठर्रा और इसके बाद बीयर की बिक्री हुई। आबकारी अधिकारी के मुताबिक पिछले साल से 8 फीसदी ज्यादा बिक्री हुई है। शराब बिक्री बढ़ने के पीछे मिलावटी शराब पर पाबंदी भी बड़ी वजह बताई जा रही है। नकली शराब का पैसा शराब माफिया के खाते में जाता था।

जिला आबकारी अधिकारी अरविंद मौर्य ने बताया कि होलिका दहन और उसके एक दिन पहले महज दो दिनों में 61.10 करोड़ की शराब की बिक्री शहर में हुई है। 1.98 लाख बोतल अंग्रेजी शराब जिसकी कीमत 48.60 करोड़ रुपए है। देसी शराब की भी जमकर बिक्री हुई, ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहरी क्षेत्र मं। धड़ल्ले से 4 लाख 57 हजार लीटर देसी शराब कनपुरिए पी गए जिसकी कीमत 10.74 करोड़ है। इसी तरह बीयर पीने में भी कनपुरिए पीछे नहीं रहे और 2.30 करोड़ की बीयर कनपुरिए पी गए। शहर में बीते साल की अपेक्षा 8 फीसदी शराब की ज्यादा बिक्री हुई है। शराब की जबरदस्त बिक्री होने से आपकारी विभाग को करोड़ों के राजस्व का फायदा हुआ है।

शराब ठेके कम होने पर भी बिकी ज्यादा शराब
आबकारी विभाग के अफसर दंग हैं कि शराब ठेकों की संख्या कम होने के बाद भी ताबड़तोड़ बिक्री में इजाफा हुआ है। जबकि भारी संख्या में शहर के भीतर शराब ठेके रिन्युवल नहीं हुए हैं। इसके बाद भी कनपुरिए शराब की बिक्री में बीते साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

दोबारा होगी लॉटरी, मांगे गए आवेदन
आबकारी अधिकारी ने बताया कि जिन ठेकों का रिन्युवल नहीं हुआ है अब दोबारा लॉटरी के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। 16 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन करने का मौका है। इसके बाद इन सभी छूटे हुए ठेकों का लाइसेंस दिया जाएगा। आबकारी विभाग राजस्व कैसे पूरा करेगा उसे भी समझ नहीं आ रहा है। सभी ठेके दोबारा रिन्युवल हो जाएं इसके लिए विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

पिछले साल से इस बार आठ फीसदी ज्यादा शराब की बिक्री हुई है। यह तब है जब भारी संख्या में शराब ठेकों के रिन्युवल नहीं हुआ है। सरकारी ठेकों से शराब की अधिक बिक्री के पीछे मिलावटी शराब पर सख्ती प्रमुख कारण रहा। –

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