पुलिस लाइन में चल रही स्वास्थ्य जांच के चलते पुलिसकर्मियों की बढ़ी हुई धड़कनें…
खाने-पीने के शौकीन कई पुलिसकर्मियों की धड़कनें इन दिनों बढ़ी हुई हैं। वजह है पुलिस लाइन में चल रही स्वास्थ्य जांच। जिसमें कई पुलिस वाले डायबिटीज और रक्तचाप से ग्रस्त पाए गए हैं। अब तक जिनकी जांच नहीं हुई है, उनको चिंता सता रही है कि कहीं कोई गंभीर बीमारी न निकल आए। पुलिसकर्मियों को बीमारियों से दूर रखने के लिए हर साल मेडिकल प्रक्रिया से गुजारा जाता है। मेडिकल अनिवार्य है, इसलिए हिस्सा लेना भी जरूरी है। कई पुलिसकर्मियों को न चाहते भी मेडिकल कराना पड़ रहा है। जिनकी रिपोर्ट ठीक है, उनके चेहरे पर तो खुशी झलक रही है। लेकिन, जिनका ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, उनकी टेंशन भी बढ़ गई है। पुलिसकर्मी यह भी कह रहे हैं कि बिना टेस्ट करवाए ही ठीक था। अब एक टेंशन और मिल गई है। खाने-पीने में तो संयम बरतना ही पड़ेगा, नियमित दवाइयां खानी पड़ेंगी वो अलग।
खांसी ने और फैलाई लोगों में दहशत
इन दिनों हर तरफ कोरोना वायरस की दहशत है। इस बीमारी के महामारी घोषित होने के बाद लोगों में खौफ और बढ़ गया है। हर तरफ कोरोना वायरस का ही जिक्र किया जा रहा है। मोबाइल कंपनियों ने भी अपना फर्ज निभाते हुए लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। किसी को भी कॉल करने पर कॉलर ट्यून में कोरोना से बचने की जानकारी दी जा रही है। खांसी और कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव की जानकारी दी जा रही है। इस पर लोग चुटकी लेते नहीं थक रहे। सोशल मीडिया पर मोबाइल कंपनियों की यह मुहिम खूब वायरल हो रही है। लोगों का कहना है कि वायरस का तो पता नहीं, लेकिन मोबाइल पर खांसी को लेकर दिया जा रहा संदेश जरूर लोगों को मार देगा। खैर, जो भी हो। मोबाइल कंपनियों की यह पहल स्वागत योग्य है। हमें कोरोना वायरस से सचेत रहने की जरूरत है।
अब तो छींकना भी अपराध हो गया
लोगों में कोरोना का खौफ कुछ ज्यादा ही बैठ गया है। जहां जाओ, वहां कोरोना की बातें। हालात ये हो गए हैं कि किसी को छींक आने पर भी लोग उसे तिरछी नजरों से देखने लगते हैं। मानो, बंदे ने कोई अपराध कर दिया हो। कार्यालयों में भी एहतियातन सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एक-दूसरे को दूर से ही नमस्ते किया जा रहा है। इससे छुट्टी मारने वालों की भी मौज आ गई है। जिस दिन ऑफिस जाने का मन नहीं होता, उस दिन वह घर से ही फोन करके बोल देते हैं कि बुखार के साथ छींके आ रही हैं, इसलिए ऑफिस आना मुश्किल है। अधिकारी भी मजबूरी में कह रहे हैं कि आराम करो। फिलहाल कोरोना वायरस से सिर्फ जागरूकता से ही बचा जा सकता है। इसके लिए हर किसी को पहल करने की जरूरत है। समय-समय पर हाथ धोएं और कोई समस्या हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
कोरोना के बीच आई पेपरों की याद
कोरोना वायरस से हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टियां कर दी हैं। शॉपिंग मॉल से लेकर सिनेमा हॉल तक बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके बावजूद कई स्कूलों को अब पेपरों की याद आ रही है। बड़े स्कूल तो किसी तरह आदेश मानने को तैयार हैं, लेकिन दूर-दराज के छोटे स्कूल इन गंभीर हालात में पेपर करवाने की जुगत में जुटे हैं। जबकि कई स्कूल ऐसे भी हैं, जोपहले ही पेपर करवा चुके हैं और नए सत्र की तैयारी में जुटे हुए हैं। अब प्रशासन सोमवार को इस बात की जांच करेगा कि जिले में कितने स्कूल ऐसे हैं, जो आदेश मानने को तैयार नहीं हैं और जबरन स्कूल खोलकर पेपर करवाने की तैयारी में हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से कुछ स्कूलों को नोटिस जारी किए जाने के बाद स्कूल संचालक भी खौफ में हैं।