कोरोना वायरस के खौफ के कारण भारतीय रेलगाडिय़ों में भी घट गई यात्रियों की संख्या…

कोरोना वायरस के खौफ के कारण भारतीय रेलगाडिय़ों में भी यात्रियों की संख्या घट गई है। जो यात्री ट्रेनों में सफर कर रहे हैं वह भी नॉनवेज खाने से परहेज कर रहे हैं। कालका से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में 60 फीसद से अधिक यात्रियों ने नॉनवेज की जगह अब वेज खाने को तवज्जो देनी शुरू कर दी है। पहले जहां एक-एक कोच में 50-50 नॉनवेज थाली परोसी जा रही था, वह अब संख्या 12-13 पर आकर सिमट गई है।

कालका से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में पहले जहां वेटिंग टिकट मिलती थी वहीं मंगलवार को 1125 की जगह महज 450 यात्रियों ने सफर किया। इसी तरह नई दिल्ली से लखनऊ, नई दिल्ली से वाराणसी, नई दिल्ली से कानपुर, नई दिल्ली से इलाहाबाद आने जाने वाली ट्रेनों में भी यात्रियों की संख्या के साथ ही नॉनवेज खाना भी कम हुआ है। मंगलवार को कालका से नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन संख्या 2006 के 15 कोच में मात्र 150 यात्रियों ने ही नॉनवेज लिया, शेष ने वेज। इसी प्रकार, चंडीगढ़ से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस 12046 में 725 की जगह 425 यात्री ही रहे।

एग्जीक्यूटिव क्लास में महज 9 ने खाया नॉनवेज

चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में एग्जीक्यूटिव ई-वन में 40 में से 31 यात्रियों ने वेज तो केवल नौ ने नॉनवेज खाना खाया। इसी प्रकार, चेयरकार सी-1 से लेकर सी-7 तक हर डिब्बे में 9-9 को ही नॉनवेज परोसा गया। यहां भी वेजिटेरियन की संख्या अधिक रही। सोमवार को चंडीगढ़ से दिल्ली गई शताब्दी की बात करें तो इसमें 120 यात्रियों ने ही नॉनवेज खाना खाया था, जबकि 510 ने वेज।

रेलवे पूरी तरह से हैं अलर्ट : डीआरएम

डीआरएम जीएम ङ्क्षसह ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर रेल प्रशासन पूरा अलर्ट है। ट्रेनों के वातानुकूलित कोचों में कंबल न देने व सीटों के पास लगे हुए पर्दों को हटाने के आदेश प्रभावी कर दिए हैं। सभी स्टेशनों पर अनाउंसमेंट और स्टेशन परिसर में पंफलेट््स से यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है। कोच के प्रवेश द्वार पर लगे हैंडल, टॉयलेट के नल एवं सीट के आस-पास कीटाणुनाशक का प्रयोग कर उच्च स्तरीय सफाई की जा रही है। स्टेशन परिसर में लगे एस्केलेटर की रेलिंग, फुट ओवरब्रिज की रेलिंग, रैंप की रेलिंग, बेंच, वॉटरबूथ, टॉयलेट, दरवाजों के नॉब व स्विच आदि की सफाई स्टीम क्लीनर द्वारा की जा रही है।

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