हरियाणा बन रहा निवेशकों की पहली पसंद, बेरोजगारों को मिलेंगे रोजगार के अवसर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में नए मेगा प्रोजेक्ट से विकास को रफ्तार देंगे लेकिन प्रदेश के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि कोरोना संकट को देखते हुए चिकित्सीय सुविधाओं के लिहाज से प्रदेश में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कामगारों का पलायन रोकने में कामयाबी मिली है। किसानों के हित में तमाम जरूरी कदम उठाए गए हैं। होटल व्यवसाय सहित संकट से जूझ रहे सभी उद्योगों को भरपूर प्रोत्साहन दिया जाएगा।

70 दिन बाद अपनी विधानसभा आए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक से पूर्व जूम एप से करनाल के मीडियाकर्मियों से संवाद किया। इस दौरान जागरण के सवाल पर उन्होंने बताया कि इज ऑफ डूईंग से हरियाणा निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। यहां औद्योगिक कलस्टरों से बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बिहार व उत्तर प्रदेश के करीब एक लाख कामगारों ने इच्छा प्रकट की है कि हरियाणा में काम करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अच्छे काम भी हुए। मसलन, गेहूं खरीद बड़ी चुनौती थी लेकिन इसे व्यवस्थित तरीके से कामयाब किया। गेहूं खरीद केंद्र 400 से बढ़ाकर 1800 और सरसों खरीद केन्द्र 100 से 200 किए गए। किसानों को समय पर फसल की अदायगी की गई। 10 मई तक किसानों की सारी पेमेंट चली गई है। अगले दो-तीन दिन में आढ़तियों को शेष पेमेंट मिल जाएगी। 31 मई तक पूर्ण अदायगी हो जाएगी। हरियाणा के किसानों का एक-एक दाना खरीदा गया, अब दूसरे राज्यों से गेहूं खरीदी जा रही है।

सीएम ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के अब तक 1200 पॉजिटिव केस सामने आए, जिनमें करीब 400 एक्टिव हैं और उनका इलाज चल रहा है। करनाल की स्थिति ठीक रही है। कोरोना काल में राधास्वामी सत्संग घर, डेरा कार सेवा, निर्मल कुटिया व अन्य सामाजिक संस्थाओं ने प्रशासन सहित सबकी मदद की। धार्मिक नेताओं ने सामाजिक सौहार्द बनाया। जनता से ऑनलाइन सम्पर्क, बीपीएल परिवारों को दोगुना राशन देना, डिस्ट्रैस राशन टोकन से चार लाख 85 हजार परिवारों को राशन देना, रिलीफ कैम्प लगाने जैसे उल्लेखनीय कार्य हुए। तीन लाख प्रवासियों को रेल व बस से घर भेजा गया। 50 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक ईकाइयां चालूू कराई गई, जिससे 25 से 28 लाख लोग काम से जुड़े। नियमित ट्रैफिक की मूवमेंट शुरू हो गई है। कोरोना कब खत्म होगा, कहना मुश्किल है लेकिन इससे काफी कुछ सीखा है। कोरोना से लड़ाई लम्बी हो सकती है लेकिन हरियाणा के लोग हारने वाले नहीं हैं। अब होटल आदि को मुख्य धारा में लाएंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कुटीर उद्योगों में 20 हजार रुपये तक का ऋण बिना ब्याज एक मजदूर के लिए देने का प्रावधान किया गया है। एमएसएमई के माध्यम से 25-30 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। कोरोना काल में भविष्य में परिस्थितियां विकट हो जाती हैं तो सरकार की ओर से अस्पतालों में पूरी तैयारी है। भूमिगत जल की बचत के लिए उन्होंने कहा कि प्रदेश में आठ ब्लॉक ऐसे हैं, जहां भूमिगत जल करीब डेढ़ सौ फुट नीचे चला गया है। यदि इसका दोहन जारी रहा तो आने वाली पीढिय़ां कोंसेगी। किसान हैप्पी सीडर जैसी मशीनों से धान  की सीधी रोपाई करें। मक्का और दलहन पर सात हजार रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी दी जाएगी। बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों में बोरवेल बनाने की योजना पर काम हो रहा है। निजी स्कूलों को कहा गया है कि अभिभावकों से फिलहाल केवल टयूशन फीस लें। लॉकडाउन में बिजली बिलों से जुड़ी दिक्कतों के चलते अप्रैल के बिल औसत आधार पर एडजस्ट किए जाएंगे। 31 मई तक के बिलों पर कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा। तूफान या ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसलें खराब हुईं, उनकी विशेष गिरदावरी की जाएगी और सरकारी सिस्टम से बीमा दिया जाएगा। इस दौरान उनके साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद, सीएम प्रतिनिधि संजय बठला व मेयर रेणु बाला गुप्ता भी रहीं।

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