उत्तरप्रदेश के प्रवासी मजदूरों को घर में ही मिल सकता है रोजगार

महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश में लम्बे लॉकडाउन से बड़ी आबादी प्रभावित है. इनमें भी प्रवासी कामगार व श्रमिकों की संख्या काफी अधिक है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश लौटने में लगे इन सभी को घर में ही रोजगार देने की मुहिम छेड़ रखी है. सीएम योगी आदित्यनाथ की योजना सभी को उनकी कार्य क्षमता के अनुसार प्रदेश में ही रोजगार देने की है.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में परेशान लोगों की बड़ी मदद करने को उत्तर प्रदेश सरकार ने जोरदार कदम बढ़ाया है. सरकार इस कठिन दौर में ‘हर हाथ को काम मिले की नीति’ पर काम कर रही है. शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन व अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ एमओयू साइन करेंगे. जिससे कि 11 लाख 50 हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. शुक्रवार को ही नौ लाख श्रमिक और कामगारों को रोजगार की गारंटी मिलेगी. इंडियन इंड्रस्टीज एसोसियेशन, नरडेको, सीआईआई और यूपी सरकार के बीच नौ लाख 50 हजार कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने पर बड़ा करार हो रहा है.

इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर इस कार्यक्रम में सूक्ष्म, मध्यम तथा लघु उद्योग में काम के बड़े अवसर निकाले गए हैं. यूपी सरकार ने अपने घर वापस लौटे 26 लाख प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने का वादा किया है. सरकार यह वादा निभा भी रही है. यूपी सरकार हर हाथ रोजगार, हर हाथ काम को लेकर बड़ी कवायद कर रही है. सरकार वापस लौटे कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने की बड़ी तैयारी में है. वही, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर हाथ को काम मिले, इस नीति पर काम कर रही है. इसके तहत ही इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सहित अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ शुक्रवार को एमओयू साइन किया जा रहा है. इससे प्रदेश के नौ लाख लोगों को रोजगार दिलाया जा सकेगा.

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