कोरोनो वायरस को रोकने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा प्लेसीबो गोलियों से नहीं है बेहतर

मलेरिया के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का उपयोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनावायरस को रोकने में किया. ताकि किसी तरह कोरोना वायरस से मरीजों को ठीक किया जा सके. लेकिन हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा को वायरस के इलाज में इतना कारगर नहीं माना जा रहा है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन द्वारा बुधवार को प्रकाशित परिणामों से पता चलता है कि कोरोनोवायरस बीमारी को रोकने में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा प्लेसीबो गोलियों से बेहतर नहीं है. साथ बताया गया कि दवा के कारण गंभीर नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि, कुछ मामलों में दवा 40 प्रतिशत दुष्प्रभाव देखने को मिला है. जिसमें पेट से जुड़ी समस्याएं शामिल है.

मार्च में ट्रम्प द्वारा बढ़ावा देने के बाद हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा अमेरिका में बहस का विषय बनी रही. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का उपयोग लंबे समय से मलेरिया के इलाज में किया जा रहा है. अध्ययन में क्लोरोक्वीन दवा को कोरोनोवायरस से बहुत बीमार रोगियों के लिए सुरक्षित या प्रभावी नहीं माना गया है, साथ ही, कुछ अध्ययनों में सुझाव दिया गया है कि दवाएं नुकसान पहुंचा सकती हैं.

ट्रंप के डॉक्टर द्वारा बुधवार को जारी नवीनतम भौतिक परिणामों के अनुसार, दो कर्मचारियों का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजीटिव आने के बाद कर्मचारियों को जिंक और विटामिन डी के साथ-साथ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का दो सप्ताह का कोर्स भी दिया गया है.  फेडरल नियामक ने अस्पतालों और औपचारिक अध्ययनों को छोड़कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के उपयोग के खिलाफ चेतावनी दी है क्योंकि दवा के साइड इफेक्ट्स में विशेष रूप से हृदय की धड़कन में अनियमिता जैसे जोखिम हो सकते है.

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