भारतीय सेना के आर्मी चीफ जनरल ने कहा- सीमा पर स्थिति नियंत्रण में, बातचीत के माध्यम से…

भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच आर्मी चीफ जनरल एम एन नरवणे (MM Naravane) ने शनिवार को कहा कि सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है. नरवणे ने कहा, “मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि चीन के साथ हमारी सीमाओं पर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. हमारे बीच बातचीत की एक श्रृंखला चल रही है, जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता के साथ शुरू हुई है.” नरवणे ने आगे कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि लगातार संवाद (बातचीत) के माध्यम में से हम (भारत-चीन) सभी मतभेदों को दूर करने में कामयाब रहेंगे. हर चीज नियंत्रण में है.”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नेपाल को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि नेपाल के साथ हमारे संबंध मजबूत है. हमारे बीच भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक जुड़ाव हैं. हमारे लोगों के बीच आपसी संबंध बहुत मजबूत हैं. नेपाल के साथ हमारे संबंध हमेशा मजबूत रहे हैं और भविष्य में भी मजबूत रहेंगे.

आर्मी चीफ ने कहा कि जहां तक जम्मू-कश्मीर का संबंध है. हमने बहुत सी सफलताएं हासिल की हैं. पिछले 10-15 दिनों में 15 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं. यह सब जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षा बलों के बीच घनिष्ठ सहयोग और समन्वय के कारण संभव हुआ है. अधिकांश ऑपरेशन स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर किए गए हैं. यह दर्शाता है कि स्थानीय लोग भी उग्रवाद और आतंकवाद से तंग आ चुके हैं और वे चाहते हैं कि स्थिति सामान्य हो जाए.

इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख और सिक्किम, उत्तराखंड तथा अरुणाचल प्रदेश के अन्य कई क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत की समूची सैन्य तैयारी की समीक्षा की. दूसरी ओर, भारत और चीन की सेनाओं ने मौजूदा सीमा गतिरोध पर मेजर जनरल स्तर की एक और दौर की वार्ता की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने एक उच्चस्तरीय बैठक में पूर्वी लद्दाख में समूची स्थिति की विस्तृत जानकारी दी.

बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह और वायुसेना अध्यक्ष एअर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया भी मौजूद थे. भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध जारी है. दोनों देशों ने एलएसी पर उत्तरी सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है.

Related Articles

Back to top button