बिहार में खत्म हुआ साल का पहला सूर्यग्रहण, अब स्‍नान कर दान-पुण्य में जुटे लाेग

साल 2020 का पहला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) रविवार को लगा। पटना की बात करें तो यह सुबह 10.37 बजे से शुरू होकर अपराह्न 02.04 बजे तक रहा। मुजफ्फरपुर में ग्रहण का काल सुबह 10.38 बजे से अपराह्न 02.10 बजे तक तथा भागलपुर में सुबह 10.42 बजे से अपराह्न 02.14 बजे रहा। इसके पहले 12 घंटे तक ग्रहण का सूतक काल था। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण था, जिसमें कुछ समय के लिए केवल सूर्य के किनारे का गोलाकर भाग ही दिखाई दिया। इसे ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring of Fire) कहते हैं। इस कारण कई जगह कुछ देर के लिए दिन में ही अंधेरा छा गया। हालांकि, बिहार में सूर्यग्रहण पर मानसून का ग्रहण लग गया। जगह-जगह सूर्यग्रहण का सूर्य घने बादलों से लुका-छिपी करता दिखा।

– सूर्यग्रहण मृगशिरा नक्षत्र व मिथुन राशि में लगा है।

– पटना के ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा के अनुसार आज के सूर्यग्रहण के बाद कोरोना की महामारी से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी।

– पटना के श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के फेसबुक पेज पर सूर्यग्रहण को लाइव दिखाया जा रहा है।

– पटना के श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के के निदेशक अमिताभ ने बताया कि सूर्यग्रहण को देखने के लिए एक्सरे फिल्म या चश्मा का उपयोग कर सकते हैं।

– सूर्यग्रहण के दौरान मंदिरों के पट बंद हैं। बाबा गरीब नाथ मंदिर में पुजारी पाठ कर रहे हैं।

– ग्रहण का उत्‍तरार्ध काल आ चुका है। इसके साथ ही कई जगह स्‍नान-दान व पूजा की तैयारियां शुरू हैं।

बादलों लुका-छिपी कर रहा सूर्य

बिहार मेें मानसून के बादलों के बीच सूर्य लुकाछिपी कर रहा है। पटना में यह बदलों के बाइच से दिख रहा है, फिर बादल इसे ढ़क ले रहे हैं।

नंगी आंखों ने नहीं देखें सूर्यग्रहण

सूर्यग्रहण को नंगी आंखों ने नहीं देखना चाहिए। एहतियात बरतते हुए लोग इस नजारे को देख रहे हैं। इसके लिए पटना के श्रीकृष्‍ण विज्ञान केंद्र में विशेष व्‍यवस्‍था की गई है।

सूर्यग्रहण क्‍या है, जानिए

सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसमें चंद्रमा (Moon) के पृथ्‍वी (Earth) और सूर्य (Sun) के बीच आ जाता है। इसमें पृथ्‍वी पर चंद्रमा की छाया (Shadow) पड़ती है। जहां छाया पड़ती है, वहां आंशिक रूप से अंधेरा हो जाता है।

क्‍या है रिंग ऑफ फॉयर

आज के सूर्यग्रहण देखने में रिंग ऑफ फॉयर की तरह लगेगा। सूर्य का करीब 88 फीसद भाग तीन घंटे 22 मिनट तक चंद्रमा की ओट में रहेगा। इससे सूर्य के किनारे रिंग की तरह गोलाकर भाग दिखेगा। इसे ही ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है। रिंग ऑफ फायर का कुछ सेकेंड से लेकर 12 मिनट तक दिखाई देगा।

विज्ञान केंद्र के फेसबुक पेज पर सूर्यग्रहण लाइव

सूर्यग्रहण को श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के फेसबुक पेज पर लाइव दिखाया जा रहा है। ग्रहण का मध्य दोपहर 12.25 मिनट पर होगा, जिस समय सूर्य का करीब 82 फीसद हिस्सा चंद्रमा की परछाई से छिप जाएगा। ग्रहण का समापन अपराह्न 2.10 बजे तक हो जाएगा। विज्ञान केंद्र के निदेशक अमिताभ ने बताया कि सूर्यग्रहण को देखने के लिए एक्सरे फिल्म या चश्मा का उपयोग कर सकते हैं।

ज्‍योतिषाचार्य का दावा- सूर्यग्रहण के बाद कोरोना से राहत

पटना के ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा के अनुसार आज के सूर्यग्रहण के बाद कोरोना की महामारी से राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। उनके अनुसार 26 दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण के दौरान ग्रहों की बिगड़ी स्थिति के प्रभाव से अब तक कई प्राकृतिक आपदाएं आईं हैं। सामाजिक-राजनीतिक उथल-पुथल की घटनाएं भी हुईं हैं। इस सूर्यग्रहण के बाद इनसे मुक्ति का योग बन रहा है। मिथुन राशि में ग्रहण लगने और 25 सितंबर को राशि परिवर्तन के बाद प्राकृतिक आपदाओं में कमी व कई तरह की समस्याओं में विशेष लाभ के योग बनेंगे।

सूर्य ग्रहण पर ग्रहों की उल्टी चाल

ज्योतिषाचार्य गाेविंद कुमार ओझा के अनुसार 21 जून को मिथुन राशि में लगने वाला सूर्य ग्रहण अशुभ है। इस दौरान कई ग्रहों की चाल विपरीत रहेगी। इस दौरान संबंधित ग्रहों के मंत्रों का जाप करने से राहत मिल सकती है।

ग्रहण से जुड़ी आस्‍था व विश्‍वास की भी बातें

सूर्यग्रहण को लेकर आस्‍था व विश्‍वास की भी कई बातें जुड़ी हैं। मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक के अनुसार सूर्यग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। इस दौरान मंदिर भी बंद रखे जाते हैं। अन्‍य मंदिरों की तरह मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर का पट बंद है।

पटना के ज्‍याेतिषाचार्य गाेविंद कुमार ओझा के अनुसार इस दौरान खाने व पानी पीने से परहेज किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को काम नहीं करना चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करके ही कोई काम करना चाहिए। हालांकि, शास्‍त्रों में उल्‍लेखित ये बातें आस्‍था व विश्‍वास से जुड़ी परंपराएं हैं।

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