जिसके घर का माहौल उत्तम होता है वही जीवन में होता है सफल: चाणक्य नीति
चाणक्य के अनुसार घर का वातावरण व्यक्ति के विकास और सफलता में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. वही व्यक्ति जीवन में सफल होता है जो जिसके घर का माहौल उत्तम होता है. ऐसे घर का लक्ष्मी कभी त्याग नहीं करती हैं. सदैव ही अपनी कृपा घर के सभी सदस्यों पर बनाए रखती हैं. लक्ष्मी की कृपा से ऐसे घर में सुख समृद्धि का वास होता है और घर के सदस्य निरोग रहते हैं. इसलिए घर के माहौल को कभी खराब नहीं होने देना चाहिए.
घर का माहौल जब कलह से भरा हुआ होता है तो ऐसे घर में सदैव तनाव, विवाद और क्लेश की स्थिति बनी रहती है. जिस कारण घर के सदस्यों में हमेशा नकारात्मक विचार आते हैं. ऐसे घर में एकता का भी अभाव होता है. जिस कारण ऐसे परिवार की तरक्की रूक जाती है. लोगों का आत्मविश्वास नष्ट हो जाता है. नित्य ही कोई न कोई परेशानी, बाधा, समस्या और संकट बना ही रहता है. इसलिए इन बातों को कभी नहीं भूलना चाहिए.
एक दूसरे का आदर करें
घर का माहौल तभी अच्छा होता है जब सभी सदस्य एक दूसरे के मान सम्मान का ध्यान रखें और आदर प्रदान करें. ऐसा करने से घर का वातावरण अच्छा रहता है, नकारत्मक विचार नहीं आते हैं जिससे सभी सदस्यों की मानसिक स्थिति का पूर्ण विकास होता है. किसी भी प्रगति के लिए मानसिक स्थिति का बेहतर होना बहुत ही जरूरी होता है.
घर में प्रतिस्पर्धा का माहौल न बनाएं
सुख शांति उस घर से गायब हो जाती है जहां पर घर के सदस्य आपस में प्रतिस्पर्धा करने लगते हैं. आपस में प्रतिस्पर्धा करने की प्रवृत्ति विनाश की तरफ ले जाती है. यहीं से घर के सदस्यों में आपसी तालमेल की कमी आती है. एक दूसरे के प्रति सम्मान में कमी आती है.
झूठ और बनावटी पन से दूर रहें
घर में झूठ और बनावटी पन का प्रवेश न होने दें. ये दो ऐसे अवगुण हैं जिनसे घर कुछ दिनों में नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है और इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं. इससे आपसी भाईचारा को भी नुकसान पहुंचता है. इसलिए जहां तक हो झूठ और बनावटीपन से दूर रहना चाहिए.
लालच से दूर रहें
घर में लालच का वातावरण नहीं होना चाहिए. लालच एक रोग की तरह है जो एक बार लग जाए तो आसानी नहीं छूटता है. लालच कई समस्याओं की जड़ है. इसलिए घर में इसका प्रवेश नहीं होना चाहिए.