बिहार के महागठबंधन में अब होगी आर-पार की लड़ाई, मांझी जल्द ही लेंगे गठबंधन तोड़ने का फैसला

बिहार के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से) और राजद के संबंधों में कटुता बढ़ती जा रही है। समन्वय समिति को लेकर उपजा विवाद अब संबंध विच्छेद की ओर बढऩे लगा है। समन्वय समिति को लेकर राजद को दी गई 25 जून की मियाद बीतने के बाद शुक्रवार को हम (से) की बैठक बुलाई गई। बैठक में पार्टी नेताओं ने राजद नेतृत्व की आलोचना करते हुए पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी को आर-पार का फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया।

राजद की चुप्पी से नाराज हैं मांझी

तीन घंटे चली बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि हम (से) ने राष्ट्रीय जनता दल को कई बार महागठबंधन की समन्वय समिति बनाने का आग्रह किया, परन्तु राजद इसके लिए तैयार नहीं दिखता। समन्वय समिति का मुद्दा सोनिया गांधी तक ले जाया गया। जहां यह आश्वासन दिया गया कि एक सप्ताह में कमेटी गठित हो। इस आश्वासन के दो दिन बीत चुके हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सहयोगियों से बात करने की जिम्मेदारी जगदानंद सिंह को सौंपी है।

जगदानंद सिंह को लेकर नाराज है हम

दानिश ने कहा कि जगदानंद सिंह को बात करने के लिए अधिकृत करना सहयोगियों का अपमान है। इसलिए हम (से) ने अपने प्रखंड अध्यक्ष को जगदानंद सिंह से बात करने के लिए अधिकृत किया है। यदि जगदानंद सिंह राष्ट्रीय स्तर का फैसला ले सकते हैं तो हम के प्रखंड अध्यक्ष भी फैसला लेने में सक्षम हैं। दानिश ने कहा बैठक में चुनावी तैयारियों को लेकर भी विमर्श किया गया।

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