चीन से विवाद के बीच सेना को मिल रही मजबूती, अमेरिका से 72 हजार असॉल्ट राइफल खरीदने की तैयारी

भारतीय सेना अपने जवानों के लिए अमेरिका से 72,000 सिग सॉर (SIG 716 G2) असॉल्ट राइफल की खरीद को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही है. पैदल सेना (इन्फैन्ट्री) के आधुनिकीकरण के तहत यह खरीद की जा रही है. मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. यह खरीद ऐसे समय में की जा रही है जब पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति है.

72 हजार राइफल का दूसरा ऑर्डर
भारत की ओर से 72,000 SIG 716 राइफलों की खरीद का ये दूसरा ऑर्डर होगा. इससे पहले भारत ने 2019 की शुरुआत में फास्ट ट्रैक योजना के तहत 72 हजार राइफलों का ऑर्डर दिया था, जिसकी पहली खेप भारतीय सेना तक पहुंच चुुकी है.
उन्होंने बताया कि इन राइफल का इस्तेमाल चीन से सटी सीमा पर तैनात सैनिक करेंगे. सेना बड़े स्तर पर पैदल सेना का आधुनिकीकरण अभियान चला रही है, जिसके तहत पुराने और अप्रचलित हथियारों की जगह सैनिकों के लिए हल्की मशीन गन, युद्धक कार्बाइन और असॉल्ट राइफल की खरीद की जा रही है.
वर्ष 2017 के अक्टूबर में सेना ने करीब सात लाख राइफल, 44,000 हल्की मशीन गन और लगभग 44,600 कार्बाइन खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी. भारत ने रूस से भी असॉल्ट राइफल की खरीद को लेकर समझौता किया था, जिनका निर्माण भारत में ही उत्तर प्रदेश के अमेठी की एक फैक्ट्री में होना है.

हथियारों की खरीद में तेजी
चीन और पाकिस्तान सीमा पर बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बीच भारत विभिन्न हथियारों की खरीद पर तेजी से काम कर रहा है. पिछले कुछ दिनों में केंद्र सरकार ने सैन्य बलों को और मजबूती देने के लिए नए हथियारों के ऑर्डर दिए हैं.
लद्दाख के गलवान घाटी में हुए तनाव के बाद केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में ही रूस से मिग-29 और सुखोई (Su-30 MKI) लड़ाकू विमानों की तुरंत खरीद को मंजूरी दी थी.

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