नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन का कहर आया, 60 की मौत, 41 हुए लापता
नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों में बाढ़ और भूस्खलन में 61 लोग मारे गए हैं जबकि 41 लोग लापता हो गए हैं। पश्चिमी नेपाल का मायागड़ी जिला 27 मौतों से सबसे ज्यादा प्रभावित है। लापता लोगों को खोजने के लिए अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ खोज और बचाव अभियान जारी है। जिले में सैकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं क्योंकि भूस्खलन से उनके घर बह गए हैं। उन्होंने अब स्थानीय स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली है।
मंसुवा बीके, जिन्होंने अब माईगाड़ी जिले के बिम में एक स्थानीय स्कूल में शरण ले रखी है, उन्होंने एएनआई को बताया कि मेरा बच्चा अभी छह महीने का है। हम स्कूल में शरण ले रहे हैं। मेरे परिवार में मेरा बच्चा और मैं ही बचे हैं। मैंने उसे अपने हाथों में पकड़ लिया और फिर भूस्खलन से मेरा घर बह गया।
भूस्खलन से प्रभावित मायागड़ी के धौलागिरि ग्राम परिषद के ग्राम परिषद अध्यक्ष थमसरा पुन ने कहा, ‘पहले चरण में हमने घायलों को बचाया जो पूरा होने में हमें लगभग 30-35 घंटे लगे। अब हम लापता लोगों के लिए अपना खोज अभियान जारी रख रहे हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे मलबे में दबे हुए हैं।… और जो मृत हैं उनकी पहचान और उनके दाह संस्कार की भी व्यवस्था कर रहे हैं।’ स्थानीय निकाय प्रतिनिधि ने कहा कि हमारे दो वार्ड भूस्खलन के कारण पूरी तरह से बह गए हैं।
बता दें कि मानसून के मौसम में हिमालय राष्ट्र में भूस्खलन और बाढ़ एक आम घटना है। 12 जुलाई तक, लगभग एक हजार लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं और आस-पास के स्कूलों में शरण ली है और दानदाताओं के समर्थन पर भरोसा कर रहे हैं।
मायागड़ी जिले के मुख्य जिला अधिकारी ज्ञाननाथ ढकाल ने एएनआई को बताया, ‘उस क्षेत्र में अब कोई भी असहाय नहीं है – वे सभी स्कूलों और सामुदायिक भवनों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। 70-80 सुरक्षाकर्मियों को लेकर तलाशी अभियान जारी है और यह समाप्ति की ओर है और राहत प्रदान करने का काम भी शुरू हो गया है।’
इस सप्ताह के शुरू में नेपाल के मौसम पूर्वानुमान विभाग ने देश भर में इस सप्ताह के पहले तीन दिनों के लिए भारी भारिश की भविष्यवाणी की थी। बुलेटिन में डिवीजन ने तराई बेल्ट में कम दबाव की रेखा के पास मानसून होने की चेतावनी दी थी, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होनी की बात कही गई।