कुछ ही हफ्तों में टिकटॉक समेत चीनी एप्स पर लिया जायेगा फैसला- व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस ने बुधवार को संकेत दिए कि टिक टॉक समेत चीनी मोबाइल एप्स पर कोई फैसला कुछ हफ्तों के भीतर लिया जा सकता है. व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने पत्रकारों से कहा कि मुझे नहीं लगता कि कार्रवाई के लिए खुद से कोई समय सीमा तय की गई है. लेकिन मुझे लगता है कि इस पर फैसला कुछ हफ्तों में होगा न कि महीनों में.
मीडोज ने कहा ‘‘कई प्रशासनिक अधिकारी हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे पर विचार कर रहे हैं क्योंकि यह टिक टॉक, वीचैट और अन्य एप से जुड़ा है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है, यह खासतौर से यह एक विदेशी दुश्मन द्वारा अमेरिकी नागरिकों की सूचना एकत्रित करने से जुड़ा है.’’ अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के कदम ने भारत में पिछले महीने इस संबंध में लिए गए फैसले के बाद गति पकड़ ली है.
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी दे चुके प्रतिबंध के संकेत
विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने एक डिजिटल बैठक में इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क में कहा ‘‘भारतीयों ने फैसला किया कि वे भारत में चल रही 50 या उससे अधिक चीनी एप्स को हटाने जा रहे हैं. उन्होंने ऐसा इसलिए नहीं किया कि अमेरिका ने उनसे ऐसा करने को कहा था. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से भारतीय लोगों को होने वाले खतरे को देख सकते थे.’’
इस महीने की शुरुआत में पोम्पिओ ने कहा था कि अमेरिका टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा सकता है.
रिपब्लिकन सांसदों ने दिया भारत का हवाला
इस बीच प्रभावशाली 24 रिपब्लिकन सांसदों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बुधवार को टिकटॉक और अन्य चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित करने का असाधारण कदम उठाया है.
सीपीसी को मिल रहा डेटा
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी(सीपीसी) से जुड़े टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने की प्रशासन की कोशिशों का समर्थन करते हुए सांसदों ने ट्रंप को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि इन लोकप्रिय एप्स की डेटा एकत्रित करने की प्रक्रिया चीन के उन सख्त साइबर सुरक्षा कानूनों से जुड़ी है जिसमें चीन में काम कर रही सभी कंपनियों जिनमें टिक टॉक की मूल कंपनी बायटेडांस भी शामिल हैं, उन्हें सीसीपी अधिकारियों के साथ उपभोक्ता के डेटा साझा करने पड़े हैं जो कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.
सांसदो ने ट्रंप को लिखा ‘‘हम आपके प्रशासन से अमेरिकी लोगों की निजता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं.’