तीन सिद्धातों को अपनाकर दिल्ली सरकार ने COVID-19 पर पाया काबू
राजधानी दिल्ली में कम होते कोरोना के संक्रमण पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तीन सिद्धातों को अपनाकर कोरोना को काबू में किया है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन, मौत के आंकड़ों में कमी लाने की प्राथमिकता और अस्पतालों में बेड व आइसीयू का पर्याप्त इंतजाम होने के कारण हालात काबू में आए। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने निंदा करने वालों की बातों को सकारात्मक रूप मे लिया और कमियां सुधारी। इस जंग में उन्होंने सभी का साथ लिया और एकजुटता दिखाते हुए टीम वर्क से काम किया, जिससे यह सफलता हासिल हुई।
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के फार्मूले के मुताबिक 15 जुलाई तक दिल्ली में कुल 2.25 लाख केस का अनुमान था, जिसमें 1.34 लाख केस एक्टिव होने और 34 हजार बेड की जरूरत पड़ने की संभावना थी, लेकिन आज (15 जुलाई तक) दिल्ली में कुल 1.15 लाख केस हैं, जिसमें 18600 एक्टिव केस हैं और सिर्फ 4 हजार बेड की जरूरत पड़ी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी कोरोना की जंग जीती नहीं गई है, रास्ता काफी लंबा है। हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेंगे। हम अपनी तैयारी जारी रखेंगे। सभी को मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का पालन करना और बार-बार हाथ धोते रहना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस लड़ाई में हमने केंद्र सरकार, होटल, प्राइवेट अस्पताल, बैंक्वेट हॉल, एनजीओ और धाíमक संस्थाओं समेत सभी का साथ मागा, सभी का सहयोग मिला। भाजपा और काग्रेस का भी साथ मिला। दूसरा, जब चीजें गलत चल रही थीं, तब हर व्यक्ति गलतिया निकाल रहा था। मगर हमने उसे सकारात्मक रूप में लिया और कमिया दूर कीं। जिस लोकनायक अस्पताल के बारे में जून के पहले सप्ताह में कमिया निकाली जा रही थीं, आज उसी की तारीफ की जा रही है।’
होम आइसोलेशन का प्रयास सबसे कारगर
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण होम आइसोलेशन था, इससे पीड़ितों को काफी राहत मिली। हमारे डॉक्टरों की टीम होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के घर जाती है, उन्हें सभी एहतियात बताती है। हम मरीजों को एक ऑक्सीमीटर देते हैं, ताकि वे दो-दो घटे के अंतराल पर अपना आक्सीजन स्तर मापते रहें। अगले 10 से 12 दिनों तक, जब तक कोरोना ठीक नहीं हो जाता है, तब तक प्रतिदिन उन लोगों को डॉक्टर का फोन जाता है। होम आइसोलेशन का प्रयास सबसे कारगर रहा।
हमारे होम आइसोलेशन योजना की देशभर में खूब प्रशंसा हुई
केजरीवाल ने कहा कि फिलहाल होम आइसोलेशन में करीब 80 से 90 फीसद लोगों का इलाज चल रहा है। डर खत्म हुआ तो लोगों ने खूब जाच कराई। अब प्रतिदिन 20 से 22 हजार लोगों की जाच की जा रही है। बॉक्स योजना बनाकर प्रतिदिन हो रही मौत की संख्या को कम किया मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में मौत के आकड़े बहुत कम हो गए हैं। योजनाबद्ध तरीके से कम करते हुए मौत के आंकड़ें अब प्रतिदिन 30 से 35 पर ले आए हैं। जून में ये आंकड़े 100 के लगभग रहते थे। कोशिश है कि अब यह शून्य हो जाए। उन्होंने कहा कि जब मौत अधिक हो रही थीं तो इसका कारण पता कर इसे दूर करने के लिए लोगों की जाच बढ़ा दी। वहीं अब लोगों को 2 घटे की जगह 30 मिनट में एंबुलेंस मिल रही है। एंबुलेंस से पहुंचने पर अस्पताल के बाहर उसकी औपचारिकताएं पूरी करने में दो से चार घटे लग जाते थे। इसे देखते हुए इंतजाम किया है कि एंबुलेंस के पहुंचने पर पहले मरीज को अस्पताल के होल्डिंग एरिया में ले जाकर उसे ऑक्सीजन दी जाएगी। इसके बाद सारी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। बॉक्स अस्पतालों में बेड, आइसीयू का पर्याप्त इंतजाम से काबू में आया कोरोना मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली में कुल 15500 बेड हैं। 2100 आइसीयू बेड हैं, इनमें केवल 1100 बेड ही भरे हैं। यहां प्लाज्मा थेरेपी हो रही है। सरकार ने दो प्लाज्मा बैंक शुरू कर दिया है।