पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का आदेश- फीस सहित सभी फंड ले सकेंगे प्राइवेट स्कूल

कोरोना महामारी के कारण हरियाणा में सभी स्कूल भले ही बंद हैं, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के साथ ही वार्षिक शुल्क, ट्रांसपोर्ट फीस और बिल्डिंग चार्ज वसूलने की इजाजत दे दी है। इससे फीस माफी की आस लगाए बैठे लाखों अभिभावकों को झटका लगा है। लॉकडाउन में चाहे किसी स्कूल ने ऑनलाइन क्लास की सुविधा दी है या नहीं, सभी स्कूल इस अवधि की फीस अभिभावकों से वसूल सकते हैं।

हाई कोर्ट के जस्टिस रामेंद्र जैन ने पंजाब के एक मामले में जस्टिस निर्मल जीत कौर द्वारा 30 जून को सुनाए गए फैसले के आधार पर हरियाणा के निजी स्कूलों को यह राहत दी है। जस्टिस कौर ने पंजाब के निजी स्कूलों की याचिका पर उन्हें राहत देते हुए ट्यूशन फीस के साथ एडमिशन फीस लेने की भी मंजूरी दी थी। हाई कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल अपने वार्षिक चार्ज भी वसूल सकते हैं, लेकिन इस साल फीस नहीं बढ़ा सकते।

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि ऑनलाइन न पढ़ाने वाले निजी स्कूल भी ट्यूशन फीस व एडमिशन फीस ले सकते हैं। बेंच ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए स्पष्ट किया कि वार्षिक चार्ज के तौर पर स्कूल वास्तविक खर्च ही वसूलें। लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल ट्रांसपोर्ट फीस या बिल्डिंग चार्ज के तौर पर सिर्फ वही फीस वसूलें जितने खर्च वास्तविक तौर पर वहन करने पड़ते हों। स्कूल खुलने के बाद की अवधि के लिए वे पूर्व निर्धारित दरों के हिसाब से एनुअल चार्ज ले सकते हैं।

जस्टिस निर्मल जीत कौर की बेंच ने कहा था कि जो लॉकडाउन के कारण खराब आर्थिक स्थिति में जो अभिभावक फीस नहीं दे सकते, वे स्कूल को अर्जी दे सकते हैं। निजी स्कूल इस पर संवेदनशीलता से गौर कर निर्णय लेंगे। चाहे तो फीस माफ की जा सकती है या फिर बाद में ली जा सकती है। इसके बावजूद अगर स्कूल कुछ नहीं करते हैं तो अभिभावक रेगुलेटरी बॉडी के समक्ष अपनी मांग रख सकते हैं।

हाई कोर्ट ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे निजी स्कूलों को भी राहत देते हुए कहा था कि वे अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी देते हुए जरूरी दस्तावेज जमा करवाएं। गौरतलब है कि सर्व विद्यालय संघ हरियाणा व अन्य ने दायर याचिका में कहा है कि लॉकडाउन से सिर्फ छात्रों के अभिभावक ही प्रभावित नहीं हुए हैं, बल्कि निजी स्कूल भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इसलिए सरकार के केवल ट्यूशन फीस लेने के आदेश पर रोक लगाई जाए।

हर जिले से इकट्ठा किए गए दो से पांच करोड़ रुपये

इनेलो नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला का कहना है, ”मैंने पहले ही कहा था कि हर जिले में निजी स्कूल संचालकों से मोटी धनराशि इकट्ठा की गई है। प्रत्येक जिले से प्राइवेट स्कूल संचालकों से दो से पांच करोड़ रुपये वसूले गए हैं। इस बारे में उनके पास तमाम दस्तावेज आने वाले हैं। इन दस्तावेज के आने के बाद वह कई खुलासे करेंगे। इन दस्तावेज के आधार पर वह बताएंगे कि निजी स्कूलों को अभिभावकों को लूटने की छूट कैसे मिल पाई है।”

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