अंबाला के एयरबेस पर राफेल की हुई लैंडिंग, दिया गया वाटर सैल्यूट
भारतीय वायुसेना के बेड़े में पांच सुपरसोनिक राफेल शामिल हो गए हैं। ये फाइटर विमान के अंबाला एयरबेस पर लैंड हाे गए हैं। इस मौके पर वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित वायुसेना के प्रमुख अधिकारी मौजूद हैं। लैंडिंग से पहले इन विमानों ने अंबाला एयरबेस की परिक्रमा की। राफेल को यहां पहुंचने पर ‘वाटर सैल्यूट’ जा रहा है। अंबाला में धूप निकल आई है। ऐसे में लैंडिग में कोई समस्या नहीं रही। जानकारी के अनुसार पांचों राफेल फाइटर विमान को दो सुखोई MKI विमान एस्कोर्ट कर रहे थे। अंबाला एयरबेस के आसपास वाहनों की मूवमेंट पूरी तरह राेक दिया गया था।
अंबाला में राफेल की लैंडिंग के बाद उन्हें वाटर सैल्यूट दिया गया है। उनको वाटर कैनन से Water salute दिया जाएगा। यह भी जानकारी मिली है कि राफेल विमान भारतीय वायु सीमा में दाखिल हो चुके हैं। बताया जाता है कि मुंबई के ऊपर से होते हुए ये फाइटर प्लेन अंबाला की ओर बढ़ रहे हैं। यह दूसरा मौका है जब बड़े फाइटर विमान को अंबाला एयरबेस पर भारत में सबसे पहले लैंडिंग हो रही है। इससे पहले जगुआर फाइटर प्लेन की अंबाला एयरफाेर्स स्टेशन पर लैंडिंग हुई थी। पांचों राफेल विमान को लाने वाली टीम की अगुवाई वायुसेना अधिकारी हरकीरत सिंह कर रहे हैं। उनकी विंग कमांडर पत्नी अभी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में ही कायर्रत हैं।
#WATCH: Five #Rafale jets in the Indian airspace, flanked by two Su-30MKIs (Source: Raksha Mantri's Office) pic.twitter.com/hCoybNQQOv
— ANI (@ANI) July 29, 2020
लैंडिंग के बाद पांचों राफेल फाइटर विमानाें को वाटर कैनन से वाटर सैल्यूट दिया जाएगा
वैसे, अंबाला में मौसम खराब होने की संभावना के बीच इन विमानों की लैंडिंग के लिए प्लान बी भी तैयार किया गया था। इसके तहत यदि अंबाला में मौसम खराब होता तो राफेल की लैंडिंग राजस्थान के जोधपुर एयरबेस पर कराई जाती। अंबाला में सुबह आसमान में बादल छाए हुए थे और तेज हवा चल रही थी लेकिन बारिेश नहीं हुई। करीब डेढ़ बजे आसमान साफ होने लगा और धूप भी निकल आई। माैसम विज्ञान विभाग ने दोपहर 12 बजे तक बारिश की संभावना जताई थी।
बारिश हुई तो राफेल फाइटर प्लेन की राजस्थान के जाेधपुर एयरबेस पर हाेगी लैंडिंग
दूसरी ओर, सुरक्षा की दृष्टि से एयरफोर्स स्टेशन के आसपास ड्रोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अंबाला में अभी आसमान में बादल छाए हुए हैं और तेज हवाएं भी चल रही हैं। अभी बारिश नहीं हो रही है, लेकिन काफी उमस है। माैसम विभाग ने सुबह नौ बजे से 12 बजे तक बारिश की संभावना जताई थी।
वाटर सैल्यूट दिया जाएगा, अंबाला एयरबेस के आसपास ड्रोन पर प्रतिबंध लगाया गया
राफेल के अंबाला एयरबेस पर लैंड करने का समय दाे से चार बजे का समय बताया जा रहा है। ऐसे में तब तक मौसम साफ होने की उम्मीद है। तेज हवा चलने से बादल के साफ होने की भी संभावना जताई गई है। इसके बावजूद मौसम की हालत के मद्देनजर वायुसेना ने प्लान बी भी तैयार कर रखा है। माैसम खराब होने पर राफेल फाइटर प्लेन को राजस्थान के जोधपुर एयरफाेर्स स्टेशन पर लैंड कराया जाएगा।
इससे पहले मंगलवार दोपहर के बाद अगले आदेशों तक एयरफोर्स स्टेशन के भीतर बाहरी व्यक्तियों सहित मीडिया की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया। किसी भी प्रकार की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं हो सकेगी। एयरबेस से तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सुबह से अंबाला खासकर एयरफोर्स स्टेशन के आसपास कड़ी सुरक्षा है। पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के जवान जगह-जगह तैनात हैं। एयरफोर्स स्टेशन में राफेल से जुड़े कई अन्य प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनके लिए रोजाना काफी लोग जाते हैं। इन सभी प्रोजेक्टों को आज रोक दिया गया है।
36 विमानों में से 18 अंबाला और 18 पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर रखे जाएंगे। बाद में इन दोनों एयरबेस से चार-चार राफेल हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर भी भेजे जा सकते हैं। राफेल को 11 गोल्डल ऐरा स्कवाड्रन के पायलट उड़ाएंगे, जिनकी ट्रेनिंग फ्रांस में पूरी हो चुकी है।
डीसी ने जारी किए आदेश, धारा 144 लागू
राफेल एयरक्राफ्ट के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई के आगमन को देखते हुए डीसी अशोक कुमार शर्मा ने भारतीय दंड संहित 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के तहत एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक लगते स्थानों धूलकोट, बलदेव नगर, गरनाला, पंजोखरा इत्यादि स्थानों से एयरफोर्स स्टेशन की किसी भी प्रकार की तस्वीर लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अंबाला एयरबेस पर ही राफेल में मिसाइल और अन्य उपकरण जोड़े जाएंगे
फ्रांस से करीब सात हजार किलोमीटर की दूरी तय कर पांच राफेल आज दोपहर भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन जाएंगे। अंबाला एयरबेस पर लैंड होने के बाद अगला चरण इनमें मिसाइल व अन्य उपकरणों को फिट करना होगा। मिसाइलों के साथ राफेल को फ्रांस से अंबाला तक आने की अनुमति कई देशों ने नहीं दी, जिसके चलते मिसाइलों को अलग से लाया गया। राफेल में फिट होने वाले अन्य उपकरण अंबाला पहुंच चुके हैं।
राफेल से जुड़े सभी उपकरण पहुंच चुके हैं अंबाला, पुराने हैंगरों को दुरुस्त कर राफेल खड़ा करने की तैयारी
फ्रांस की टीम भी लंबे समय तक अंबाला में ही रहेगी। उधर, राफेल की तैनाती के लिए दो पुराने हैंगरों को ही अपडेट कर दिया गया है। नए हैंगर और करीब 18 शेल्टर बनाने का कार्य चल रहा है, जिसे करीब छह माह का समय और लगेगा।
नए हैंगर और शेल्टर्स बनाने में अभी छह माह और लगेगा, तैयारियों में जुटे अफसर, सुरक्षा कड़ी
अंबाला एयरबेस पर राफेल आने से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जिन हैंगरों व शेल्टर में राफेल को खड़ा किया जाएगा वहां दिनभर अधिकारी जुटे रहे। सारी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को नियमित रूप से भेजी जाती रही। आज वायुसेना के आला अधिकारियों भी एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेंगे। अधिकारी पूरी तरह से अलर्ट हैं।
इस तरह से घातक है राफेल
राफेल के अधिकतम भार ढोने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 तक किमी प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। इसमें घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें लगी रहती हैं। इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है।
साथ ही इसमें ऑप्ट्रॉनिक सेक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है। 30 एमएम की तोप से 2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं। विमान 1900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है। 9.3 टन वजन के साथ 1650 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम बताया जा रहा है। 14 हार्ड प्वाइंट के जरिये भारी हथियार भी गिराने की क्षमता है।