दुनिया का वो ऐतिहासिक शहर, जिस पर मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने किया शासन

स्थानीय लोग अपने अतीत का अनुभव करने और प्राचीन मिस्र सभ्यता की विरासत को नए सैलानियों के साथ साझा करने को लेकर उत्साहित हैं। काहिरा के स्थानीय गाइड सायेद आबेद अल रजेक को लगता है कि वो जिंदगी में पहली बार कुछ अद्भुत कलाकतियां देखेंगे। आबेद अल रजेक और अन्य स्थानीय निवासियों को लगता है कि नए संग्रहालय के जरिए काहिरा के पास खुद को दुनिया के सामने नए सिरे से पेश करने का मौका होगा। 2011 में होस्नी मुबारक को सत्ता से हटाने वाली मिस्र की क्रांति के बाद से शहर में पर्यटन घट गया है। संग्रहालय के अलावा, लोग यह भी साझा करने को आतुर हैं कि सैलानियों को उनके शहर क्यों आना चाहिए?
काहिरा को पसंद करने की वजह
काहिरा के मेट्रो क्षेत्र में 2 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। अमेरिकी लेखक लॉरेन के. क्लार्क 2010 से इस शहर में रह रही हैं। उनका कहना है कि इस शहर में एक छिपी हुई ऊर्जा है, जो इसकी विभिन्न संस्कतियों, सामाजिक वर्गों और प्राकतिक वातावरण से मिलती है। शहर के हर हिस्से की अपनी खासियत, अपनी संस्कति है।
लॉरेन कहती हैं, “यहां आधुनिक जोशीला क्लब साइड है। ग्रामीण और हरे-भरे चरागाह क्षेत्र हैं। कुछ इलाकों में जाकर आप प्राचीन समय को महसूस कर सकते हैं। काहिरा ने इन सबको बरकरार रखा है। यह इस शहर का जादू है।”
ऑस्ट्रेलिया के डाना हूशमंड डिस्कवर डिस्कंफर्ट के लिए ब्लॉग लिखते हैं। वो भी मानते हैं कि इस शहर की फिजा में एक विशेष तरह का रोमांच है। वो कहते हैं, “काहिरा में घर से बाहर निकलते ही हजारों गाड़ियों से आपका सामना होता है, जो चींटियों की तरह एक-दूसरे से चिपककर रेंगती हुई चलती हैं। एक साथ सैंकड़ों हॉर्न का शोर सुनाई देता है।”
“ट्रैफिक के बीच में कुछ लोग सिर पर टोकरी रखकर ब्रेड बेचते हैं और गदहा गाड़ी कचरा ले जाते हुए मिल जाती है।” वो कहते हैं, “वह अद्भुत नजारा होता है। आप इसमें कुछ नहीं कर सकते, लेकिन आपको लगता है कि आप जिंदा हैं।”
2011 के बाद नए रेस्तरां खुलने से काहिरा में खाने-पीने का माहौल बदल रहा है। रजेक का कहना है कि कुछ रेस्तरां ग्लोबल जायके वाले हैं, जबकि अन्य में पारंपरिक जायका मिलता है। कोशारी मिस्र का राष्ट्रीय खाना है, जिसमें मसालेदार दालें, खुशबूदार चावल, छोले, भूने प्याज और मैक्रोनी होती है। ऊपर से इस पर सिरके वाला टमाटर सॉस डालकर खाया जाता है। क्लार्क सैलानियों को मादी जाने की भी सलाह देती हैं। यह काहिरा का दक्षिणी उपनगर है, जहां की नंबर 9 सड़क के दोनों ओर रेस्तरां खुले हैं। इन रेस्तरां में सुशी से लेकर मिस्र के स्ट्रीट फूड तक सब कुछ मिलता है।
काहिरा में रहना कैसा है?
शहर के लोगों का कहना है कि काहिरा आने वाले किसी भी व्यक्ति को एक बड़े शहर की भागदौड़ के लिए तैयार रहना चाहिए। नए बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाएं व्यापक हैं और इससे मंजिल तक पहुंचने में कुछ देरी हो सकती है, मगर शहर में घूमने के वैकल्पिक रास्तों की कोई कमी नहीं है। क्लार्क कहती हैं, “मुझे यहां का परिवहन बहुत अच्छा लगता है। हाथ उठाकर मैं टैक्सी, बस, टुक-टुक, ट्रेन या उबर कुछ भी ले सकती हूं।”
काहिरा में आना-जाना सस्ता भी है। यातायात का मासिक खर्च लंदन के मुकाबले 250 फीसदी सस्ता है। काहिरा के लोग जिंदगी को आराम से जीने की सलाह देते हैं, क्योंकि चीजें हमेशा योजना के मुताबिक नहीं हो सकतीं। क्लार्क कहती हैं, “यदि आप एक दिशा में सोचते हुए, जैसे कोई निश्चित शेड्यूल बनाकर या संगठन का निश्चित ढांचा बनाकर काम करते हैं तो आप निराश होंगे। काहिरा आपको सिखाता है कि धारा के साथ चलें और रास्ते में मिले सबक का मजा लें।” मिस्र की अरबी बोलने से सैलानियों को काहिरा में आने-जाने में मदद मिल सकती है।
हूशमंड कहते हैं, “काहिरा कॉस्मोपॉलिटन है और आप अंग्रेजी में भी काम चला सकते हैं। लेकिन अगर आपको अरबी आती है तो आपको बहुत मजा आएगा।”
काहिरा की अल-अजहर मस्जिद 972 ईस्वी में बनाई गई थी। शहर के कॉप्टिक (ऑर्थोडॉक्स चर्च) हिस्से में रोमन मीनारें अभी भी खड़ी हैं। यहां के गिरजाघरों में प्रारंभिक ईसाई कला दिखती है। अतीत को संजोकर रखने वाले लोग अपने वर्तमान के लिए भी सम्मान चाहते हैं। क्लार्क कहती हैं, “काहिरा और पूरे मिस्र के लोग अपने देश के बारे में दुनिया के सामने सकारात्मक और स्वस्थ छवियां पेश करते हैं।”
“वे प्रतिस्पर्धा करते हैं, खुद का स्तर बढ़ाते हैं और वैश्विक स्तर पर वापसी करने की अपनी क्षमता दिखाना चाहते हैं।”
नई सरकार ने काहिरा से 45 किलोमीटर पूर्व में राजधानी को नए सिरे से बसाने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना बनाई है। इस क्षेत्र को नई प्रशासनिक राजधानी कहा जाता है। यहां कैशलेस भुगतान, पार्क और हरियाली की प्रचुरता वाली स्मार्ट सिटी बसाने की योजना है जो 700 वर्ग किलोमीटर में फैली होगी। लेकिन पैसे की कमी के कारण इसमें अड़चनें आ रही हैं।
काहिरा के बारे में और क्या जानना चाहिए?
2011 की उथल-पुथल के बाद नई चुनौतियां सामने आई हैं, खासतौर पर अर्थव्यवस्था में। क्रांति के बाद मंहगाई दर में विस्फोट हुआ। 2010 में एक अमेरिकी डॉलर मिस्र के 5.7 पाउंड के बराबर था, जो 2018 में 17.8 पाउंड का हो गया। तब से स्थिति थोड़ी सुधरी है। अब एक अमेरिकी डॉलर की कीमत मिस्र के करीब 16 पाउंड के बराबर है।
आबेद अल रजेक का कहना है कि अर्थव्यवस्था अब बेहतर कर रही है, खासकर पर्यटन अब वापस आ रहा है। आर्थिक तरक्की के बावजूद काहिरा में महिलाओं का उत्पीड़न एक समस्या बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र के 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र की 99.3 फीसदी महिलाओं का किसी न किसी तरीके से उत्पीड़न हुआ।
हूशमंड कहते हैं, “उत्पीड़न के मामले में मिस्र पहले से ही मध्य पूर्व की सबसे खराब जगह थी और अब भी ऐसा ही है।” शहर की महिलाएं इसके लिए संघर्ष कर रही हैं। स्थानीय महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने हैरेशमैप जैसे संसाधन बनाए हैं, जहां महिलाएं उत्पीड़न की रिपोर्ट कर सकती हैं और कोई मददगार हो तो उसके बारे में भी बता सकती हैं।
समुदाय के सामने मौजूद चुनौतियों के प्रति लोग ईमानदार हैं। हूशमंड का कहना है कि मिस्र के लोग समस्याओं के प्रति मुखर हैं। क्योंकि उनका मानना है कि देश बदल सकता है। हूशमंड कहते हैं, “वे सोचते हैं कि भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। यदि व्यवस्थागत बदलाव हों तो मिस्र शायद अतीत की ऊंचाइयों से भी अधिक ऊंचाई हासिल कर सकता है।”