भूमि पूजन पर हरियाणा में हर्ष व उल्लास, स्‍वामी ज्ञानानंद बोले-सद्भावना और एकता की नींव होगी मजबूत

अयोध्‍या में श्री राम मंदिर के शिलान्‍यास से हरियाणा भी उत्‍साह से सराबोर है। राज्‍य में विभिन्‍न कार्यक्रम हो रहे हैं। मंदिरों को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया‍ है। राम धुन से वातावरण गूंज रहा है। शिलान्‍यास की पूर्व संध्‍या पर राज्‍य में धार्मिक स्‍थलों पर दीपावली सा माहौल था तो आज पूरा वातावरण भक्ति से सराबोर है। इस मौके पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बनी सर्वसम्मति को समूचे राष्ट्र की सद्भावना और समरसता के रूप में देख रहे हैं। स्वामी ज्ञानानंद का कहना है कि रामकाज के प्रति आस्था में सभी धर्मों और वर्गों की भागीदारी से आने वाले समय में राष्ट्र की समता, सद्भावना और समरसता की नींव और मजबूत होगी।

हरियाणा में सुबह से ही मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरोंं में पूजा करने आ रहे हैं। भगवान राम, माता सीता, लक्ष्‍मण व भगवान हनुमान जी की आराधना कर रहे हैं। मंदिरों में भजन व कीर्तन भी हाे रहे हैं।

गीता मनीषी ने रामशिला पूजन से मंदिर शिलान्यास समारोह तक जुड़े रहने को गौरवमयी क्षण बताया

लेह से सिंधु नदी, आदि बद्री स्थित सरस्वती उद्गम स्थल, कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर, यमुना जल सहित दिल्ली शीशगंज गुरुद्वारा और ब्रजरज लेकर बुधवार सुबह वृंदावन से श्रीराम मंदिर शिलान्यास समारोह के साक्षी बनने के लिए अयोध्या पहुंचे। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि अब देश जाति, धर्म के बंधनों से आगे बढ़कर रामराज्य की परिकल्पना करेगा। हरियाणा रेडक्रास सोसायटी की उपाध्यक्ष सुषमा गुप्ता ने अयोध्या जाते समय स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आरती उतारकर अभिनंदन भी किया।

तीर्थ स्थलों पर नहीं होनी चाहिए राजनीति

स्वामी ज्ञानानंद महाराज कहते हैं कि उनकी नजर में तो राम जन्म भूमि मंदिर विवाद उस दिन सुलझ गया था जिस यह विवाद राजनीतिज्ञों से निकलकर न्याय मंदिर में चला गया था। तीर्थ स्थलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। अयोध्या के बाद अब मथुरा-काशी में भी हिंदुओं की भावनाओं के अनुरूप पूजा स्थल विकसित होने चाहिए।

शुरू से ही जुड़े रहे रामभक्तों का भी प्रतिनिधित्व करेंगे

” मेरे लिए अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का यह क्षण गौरवमयी इसलिए भी है क्योंकि मैं रामशिला पूजन से लेकर अब तक राममंदिर आंदोलन से किसी न किसी रूप में जुड़ा रहा। इसलिए मैं जब अयोध्या में मंदिर शिलान्यास महोत्सव का साक्षी बनने जा रहा हूं तो वहां न सिर्फ हरियाणा सरकार बल्कि उन करोड़ों रामभक्तों का प्रतिनिधित्व करूंगा जो कोरोना संकट की वजह से अयोध्या नहीं जा पा रहे हैं।

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