हरियाणा के कई क्षेत्रोँ में लगातार हो रही बारिश, घर-गलियों से लेकर हर तरफ जल भराव

कई दिनों के अंतराल के बाद बहादुरगढ़ में आधी रात के बाद से ही चल रही बारिश रूकने का नाम नहीं ले रही है। वीरवार को करीब नौ घंटे तक जारी बारिश ने इस मौसक का रिकार्ड बना दिया है। नौ अगस्त को इस मौसम की सबसे ज्यादा 88 एमएम बारिश हुई थी लेकिन वीरवार को इससे भी करीब दोगुनी बारिश दर्ज की गई। बहादुरगढ़ में जमकर बरसे मेघों की वजह से रिकार्ड 150 एमएम बारिश दर्ज की गई। इस बारिश ने प्रशासन के विकास व पानी निकासी के दावों की पोल खोल दी।

ड्रेनों के साथ-साथ नाले भी ओवरफ्लो हो गए। पूरा शहर पानी से लबालब हो गया। सेक्टर छह, मांडोठी बाजार, अग्रवाल कालोनी, लाइनपार, सेक्टर छह महाबीर पार्क, नेहरू पार्क समेत दर्जनों इलाकों में पानी घुस गया। एमआइई की फैक्ट्रियों में भी पानी घुस गया। बारिश के साथ ही बिजली भी गुल होने से लोगों की परेशानी और भी बढ़ी हुई है। पूरे शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है

रात को जन्माष्टमी की पूजा-अर्चना कर लोग गहरी नींद में सो गए। करीब एक बजे बारिश शुरू हुई, जो सुबह 11 बजे तक रूकने का नाम नहीं ले रही है। लोग जब सुबह उठे तो कई कालोनियों में गलियों के साथ-साथ घरों में भी पानी घुसा हुआ था। इतना देखकर लोग हैरान रह गए। जिन लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ था तो वे पानी निकालने में जुट गए। सुबह प्रशासन भी पानी की निकासी में जुट गया लेकिन प्रशासन के सब इंतजाम धरे के धरे रह गए। शहर में बारिश के लगातार जारी रहने से जलभराव की स्थिति से निपटने के सारे प्रबंध नाकाफी साबित हुए।

बरसाती पानी की निकासी के उचित इंतजाम न होने के कारण ही शहर में एक बार फिर संकट खड़ा हुआ। इस बार बारिश की मात्रा भी ज्यादा रही। वैसे तो हल्की बारिश में ही कई कालोनियां और सार्वजनिक स्थल जलमग्न हो जाते हैं, ऐसे में 150 एमएम बारिश से तो समस्या विकराल रूप ले गई। शहर के सैनीपुरा में तो हालात बदतर थे। यहां तो बिल्कुल तालाब की तरह जलभराव था। वहीं ओमेक्स सिटी अपार्टमेंट में 66 फुटा रास्ता की सड़क फिर से एक फीट से ज्यादा तक पानी में डूब गई। सेक्टर छह की सड़कों एक से डेढ़ पानी से लबालब थीं। बस स्टैंड और सिविल अस्पताल परिसर में भी पानी जमा हो गया। एमआइई की फैक्ट्रियों में भी पानी घुस गया।

किसानों में भी कहीं राहत, कहीं चिंता

इस बारिश के बाद किसानों में भी कहीं राहत है तो कहीं चिंता का माहौल बन गया है। गन्ना और धान उत्पादक किसान इस बारिश से खुश हैं। जबकि ज्वार, बाजरा, कपास फसलों के लिए यह बारिश नुकसानदायक हो सकती है। इन फसलों काे ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती। पहले से ही खेतों में नमी है। ऐसे में और बारिश से तो इन फसलों के पौधे सूख सकते हैं। कई जगह बाजरा और कपास की फसल के पत्ते पीले पड़ रहे हैं। हालांकि कृषि अधिकारियों का कहना है कि अभी कहीं से नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली है।

….बारिश लगातार हो रही है। 150 एमएम से ज्यादा बारिश है। हमारे सभी अधिकारी पानी निकासी का प्रबंध करने में लगे हुए हैं। लोगों को धैर्य रखना चाहिए। इतनी ज्यादा बरसात में एक बार तो पानी भरेगा ही। बारिश रूक जाने के बाद पानी की भी निकासी हो जाएगी।

—शीला राठी, चेयरपर्सन, नगर परिषद, बहादुरगढ़।

बरसात से सब्जी मंडी में जलभराव, खरीददारों की दूरी से आढ़ती परेशान

झज्जर : बुधवार रात से हो रही बरसात सब्जी मंडी के लिए आफत बदकर आई है। बरसात के कारण सब्जी मंडी में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। जिस कारण आढ़तियों व खरीददारों को परेशानी उठानी पड़ी। यहां तक कि खरीददारी के लिए आने वाले की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। जिससे आढ़तियों की करीब 80 फीसद तक सब्जियां भी बिना बिके ही रह गई। जिससे अब अगले दिन तक खराब होने का खतरा भी है।

सब्जी मंडी में बरसात के कारण डेढ़-दो फीट तक पानी जमा हो गया है। ऐसे में पानी से होकर गुजरा हर किसी के लिए मुसीबत बना। सुबह के समय मंडी में पहुंचे आढ़तियों को इसी पानी से होकर अंदर प्रवेश करना पड़ा। जैसे-तैसे मंडी के अंदर तो चले गए और खरीददारों का इंतजार करते रहे। अधिकतर मंडी में जलभराव होने के कारण वे अपनी सब्जी को भी अच्छे से बाहर नहीं लगा पाए। वहीं जलभराव के कारण फल व सब्जी खरीदने वाले पास धारक भी मंडी से किनारा करते नजर आए। सबके सामने एक ही समस्या थी कि पानी से होकर मंडी में कैसे जाया जाए। ऊपर से इसी पानी से होकर सब्जियां भी लानी पड़ेंगी। आम तौर पर प्रतिदिन 350-400 लोग सब्जी मंडी में खरीददारी करने के लिए आते थे। अगर वीरवार की बात करें तो मात्र 50 लोग ही बड़ी मुश्किल से खरीददारी करने पहुंचे। ऊपर से उन्होंने भी सोच समझकर ही काफी कम मात्रा में फल व सब्जियों की खरीददारी की।

जलभराव के कारण फलों व सब्जियों का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। आढ़तियों ने सामान्य की तरह ही सब्जियां व फल मंगवाए हुए थे, लेकिन वे बिक नहीं पाए। इसलिए अब आढ़तियों के सामने उन्हें सुरक्षित रखने की चुनौती है। खासकर टमाटर जैसी सब्जियों को, जिन्हें लंबे समय तक इस मौसम में सुरक्षित रखना मुश्किल है। हालांकि जलभराव से राहत के लिए मंडी में ईंजन भी लगाया गया है, लेकिन जलभराव से राहत देने के लिए वह भी कोई अधिक सार्थक परिणाम नजर नहीं आया

-सब्जी मंडी में जलभराव होने के कारण कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए। पानी निकासी के लिए ईंजन लगाया गया है। लेकिन ईंजन बार-बार बंद पड़ रहा है। जिस कारण पानी का जलस्तर नीचे नहीं आ रहा।

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