अफसरों की मनमानी से दुखी भाजपा विधायक लामबंद, सीएम दरबार में दस्तक देने की है तैयारी

अफसरशाही की मनमानी की गूंज एक दफा फिर सियासी गलियारों में सुनाई देने लगी है। महत्वपूर्ण बात यह कि अफसरों से तवज्जो न मिलने की शिकायत सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों की है। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, अफसर विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित विधायकों के काम नहीं कर रहे हैं। लिहाजा विधायकों की चिंता बढ़ गई है कि अगर अफसरों का यही रवैया रहा तो वे कैसे डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के समक्ष जाएंगे। शुक्रवार को भाजपा विधायकों ने इस मसले पर बैठक की। एक-दो दिन में ये विधायक मुख्यमंत्री दरबार में दस्तक देने की तैयारी में हैं।

उत्तराखंड में अफसरशाही की मनमानी कोई नई बात नहीं है। अब तक राज्य में रही चारों सरकार के दौरान मंत्री और विधायक सार्वजनिक मंचों पर इसका जिक्र करते रहे हैं। पिछले ही महीने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की पूर्व निर्धारित एक बैठक में एक सचिव के अलावा कोई सचिव नहीं पहुंचे, तो मंत्री बैठक छोड़कर चले गए। इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हस्तक्षेप करना पड़ा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद तत्कालीन मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शासन के सभी अफसरों को इस संबंध में आदेश जारी किए। 30 जुलाई को नए मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कार्यभार संभालने के तत्काल बाद एक बार फिर इसी तरह के आदेश जारी किए।

इसके बावजूद अफसर हैं कि मानने को तैयार नहीं। हालांकि इस बार भाजपा विधायकों की नाराजगी शासन से ज्यादा जिलास्तर के अफसरों के प्रति है। दरअसल, वर्ष 2022 में राज्य में विधानसभा चुनाव हैं। भाजपा विधायकों का आरोप है कि जब अफसर उनके विधानसभा क्षेत्रों में कराए जाने वाले विकास कार्यों पर ही ध्यान नहीं देंगे, तो वे जनता को क्या जवाब देंगे। विधायकों का तो यहां तक कहना है कि जब जिले में अफसरों को फोन करो तो वे उठाते ही नहीं।

शुक्रवार को देहरादून में विधायक हॉस्टल में भाजपा के 10 से ज्यादा विधायकों ने इस मसले पर बैठक कर रणनीति तय की। सूत्रों के मुताबिक शनिवार तक कुछ और विधायक राज्य के अलग-अलग हिस्सों से देहरादून पहुंच रहे हैं। इसके बाद एक और बैठक होगी। अपने स्टाफ के दो लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री पिछले तीन दिन सेल्फ आइसोलेशन में रहे। अब मुख्यमंत्री शनिवार को सचिवालय में बैठकों में हिस्सा लेंगे। संभावना है कि भाजपा विधायक इस सिलसिले में शनिवार या रविवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं।

पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि जिलों में अधिकारी भाजपा विधायकों की बिल्कुल नहीं सुन रहे हैं। इनमें पुलिस-प्रशासन से लेकर तमाम विभागों के अधिकारी शामिल हैं। डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव हैं, अगर अधिकारी हमारी बात नहीं सुनेंगे, तो कैसे क्षेत्र में विकास कार्य कराए जा सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को किस तरह जनता तक पहुंचाया जा सकता है। अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से फोन पर इस संबंध में बात हुई है, उन्होंने ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है। जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे।

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