डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में कोरोना संक्रमण के प्रति अपने कमजोर रवैये की बात को किया स्वीकार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस मे रिपोर्टरों के सामने महामारी को गंभीरता से न लेने की बात स्वीकार की। वे अमेरिकी पत्रकार बॉब वुडवार्ड के सवालों का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे महामारी की शुरुआत के साथ राष्ट्रपति के कमजोर रवैये और देश की जनता के स्वास्थ्य पर रिस्क से जुड़े सवाल किए गए थे।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं देश का चीयरलीडर हूं। अपने देश से प्यार करता हूं और नहीं चाहता की लोग डरें। मैं नहीं चाहता की देश में पैनिक हो। मैं विश्वास और मजबूती दिखाना चाहता हूं और यही मैंने किया। हमने काफी अच्छा किया।’
ट्रंप ने यह भी कहा कि यह वायरस उनकी गलती नहीं है इसके लिए चीन जिम्मेवार है। सीएनएन के अनुसार, ट्रंप ने कहा-‘यह वायरस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ेगा। यह मेरी गलती नहीं है। यह चीन की करतूत है जिसने पूरी दुनिया को संक्रमित कर दिया। अमेरिकी पत्रकार बॉब वुडवर्ड की किताब ‘रेज’ के लिए इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वे हमेशा इसे कमतर आंकना चाहते हैं और स्वीकार किया था कि यह फ्लू से अधिक खतरनाक है। इस किताब में न केवल अमेरिका में महामारी के दौरान ट्रंप के रवैये की बात है बल्कि उनके पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस का भी जिक्र है। पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल के जुलाई माह तक ट्रंप के कुल 18 इंटरव्यू के आधार पर यह किताब लिखी गई है।
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने भी ट्रंप पर इसके लिए आरोप लगाया और कहा कि कोविड-19 महामारी अमेरिका के लिए ऐतिहासिक आपदा है। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ने अपने बयान में विनाशकारी सच को उगला है: ट्रंप इस बात से अच्छी तरह अवगत थे कि कोरोनावायरस कितना अधिक घातक है लेकिन उन्होंने तथ्यो को छिपाया और इस खतरे को गंभीरता से नहीं लिया। राष्ट्रपति ने पूरे देश को यूं ही छोड़ दिया, महामारी से बचाव के लिए किसी तरह की तैयारी नहीं की। पेलोसी ने आगे कहा कि देश में संक्रमण का मामला इतना अधिक हो जाने के बावजूद अभी भी ट्रंप वैज्ञानिकों की नहीं सुन रहे हैं।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, पूरी दुनिया में सबसे अधिक संक्रमित देश अमेरिका है, गुरुवार सुबह तक यहां कुल संक्रमितों की संख्या 63 लाख 59 हजार 3 सौ 13 है और मरने वालों की संख्या 1 लाख 90 हजार 7 सौ 96 है।