विधानसभा सत्र: सदन के अंदर व बाहर हंगामा, ट्रैक्टर पर बैठकर विधानसभा पंहुचे कांग्रेस विधायक

उत्‍तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के लिए कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह, मनोज रावत, काजी निजामुद्दीन और आदेश चौहान ट्रैक्टर से विधानसभा के लिए निकले। इस दौरान प्रसार भारती के सामने पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्‍हें रोक दिया गया। इस पर कांग्रेस विधायक सड़क पर ही धरना देने बैठे । इस दौरान पुलिस के साथ नौक-झोंक भी हुईं।

विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से फोन पर वार्ता कर अपना पक्ष रखा। काफी मशक्कत के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें विधानसभा जाने की अनुमति दी। वहीं,अपनी मांगों को लेकर नव पर्वतीय विकास संस्था के सदस्य रिस्पना पुल स्थित बैरिकेडिंग के समक्ष सरकार के खिलाफ एक दिवसीय धरना पर बैठे।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं ने किया विधानसभा कूच

कृषि अध्यादेश समेत अन्य के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ता विधानसभा कूच करने पहुंचे। डिफेंस कॉलोनी गेट पर पुलिस ने आप कार्यकर्त्‍ताओं को बैरिकेडिंग कर रोक दिया। आप कार्यकर्त्‍ताओं ने कई बार बेरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया। पुलिस और कार्यकर्त्‍ताओं क बीच धक्क-मुक्‍की भी हुई।

कोरोना जांच के बाद मंत्री के घूमने पर उठाए सवाल

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है तो कोरोना संक्रमण की रफ्तार रुक नहीं रही है। सरकार इन दोनों ही मोर्चों पर पूरी तरह विफल है। उन्होंने सहकारिता व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत के कोरोना जांच होने के बावजूद कई स्थानों पर घूमने और बैठकें करने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क पर संघर्ष करने को मजबूर है। स्वास्थ्य सेवाएं हों, महंगाई हो या अन्य दिक्कतें आम जनता परेशान है। ऐसे में जनता की आवाज बुलंद कर रही कांग्रेस के कार्यकर्त्‍ताओं पर मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन सरकार के मंत्री कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं। कोरोना जांच कराने के बावजूद घूम रहे हैं। सरकार उन्हें रोकने से बच रही है। यह दोहरा मापदंड है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है।

सत्र का बढ़े समय, सवालों के जवाब मिलें : निजामुद्दीन

मंगलौर विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने एक दिनी विधानसभा सत्र पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में जनता के सवालों के जवाब मिलने चाहिए। इसलिए विधानसभा सत्र का समय बढ़ाया जाए। सरकार ने संवादहीनता कायम करने की कोशिश तो कांग्रेस न्याय की लड़ाई के लिए मजबूर हो जाएगी।

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