लखनऊ में त्योहारो पर बढ़ा कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा, अब 48 फीसद RTPCR टेस्ट

त्योहार पर संक्रमण फैलने का खतरा है। यही वक्त वायरस की दूसरी लहर का कारण बन सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। ट्रेसिंग, सैंपलिंग-टेस्टिंग को बढ़ा दिया है। वहीं एंटीजेन किट से जांच के साथ लैब में सैंपल भेजने की तादाद भी अधिक कर दी है।

शहर में करवाथ चौथ, धनतेरस, दीवाली पर आवागमन बढ़ा है। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है। वहीं गैर राज्यों व जनपदों के लोगों का मूवमेंट बढ़ गया है। ऐसे में 29 अक्टूबर से टारगेट कोरोना टेस्टिंग शुरू की गई है। इसमें ऑटो रिक्शा चालक, रिक्शा, थ्री व्हीलर्स वाहन के चालकों का टेस्ट किया गया।

इसके बाद मेहंदी आर्टिस्ट, ब्यूटीपॉर्लर समेत अन्य दुकानदारों का सैंपल लिया गया। इसका मकसद, दुकानदारों व उनके स्टाफ पर संक्रमण की समयगत पहचान कर बीमारी के फैलने से रोकना रहा।

एसीएमओ डॉ. एमके सिंह के मुताबिक, कोरोना के टेस्ट 70 फीसद एंटीजेन किट व 30 फीसद आरटीपीसीआर कराने का आदेश है। मगर, शहर में संक्रमण थामने के लिए आरटीपीसीआर के लिए कुल सैंपल के 48 फीसद लैब भेजे जा रहे हैं। ऐसे में संदिग्ध मरीज की सटीक जांच हो सकेगी। यह संक्रमण रोकने में कारगर साबित होगा। वहीं पहले जहां तीन से चार हजार रोज मरीजों की जांच हो रही है। वहीं, अब छह हजार से आठ हजार के बीच कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं।

इनकी  टारगेट सैंपलिंग

टेम्पो, थ्री व्हीलर्स, रिक्शा चालक, महेंदी आर्टिस्ट, ब्यूटी पॉर्लर, मिठाई दुकान, रेस्टोरेंट, मंदिर, माल के स्टाफ, इलेक्ट्रॉनिक शॉप, कार-मोटरसाइकिल शो रूम, स्ट्रीट वेंडर्स, पटाखा मार्केट के लोगों के सैंपल लेकर जांच की गई। यह अभियान गुरुवार तक चलेगी।

रोडवेज-बस स्टॉप पर  होगी जांच

सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने कैसरबाग, आलमबाग व रेलवे स्टेशन पर हेल्थ टीम तैनात करने का आदेश दिया। यहां थर्मल स्कैनिंग मशीन लगेगी। साथ ही दिल्ली, गाजियाबाद, बिहार, नोएडा से आने वाले संदिग्ध की एंटीजेन किट से टेस्ट भी किया जाएगा। वहीं उनका मोबाइल नंबर बतौर रिकॉर्ड में रखा जाएगा। इससे इनका फॉलोअप किया जा सकेगा।

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