UK के सिसौना गांव में रसोई गैस सिलिंडर में हुआ जोर का धमाका, छह लोग गंभीर रूप से झुलसे

सिसौना गांव में गैस लीकेज के धमाके से दंपती समेत छह लोग घायल हो गये। धमाका इतना जबदरस्त था कि कमरे की टीन शेड भी क्षतिग्रस्त हो गई। घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है।बेहट थाना क्षेत्र के मीरगढ़ गांव निवासी प्रदीप कुमार करीब 15 साल से सिसौना गांव में पत्नी मीना उर्फ मेनका के साथ रहते है। इनके चार बच्चे है।

प्रदीप कुमार क्षेत्र की एक दवा कंपनी में कर्मचारी है। गुरुवार की सुबह प्रदीप कुमार को फैक्ट्री जाना था। इसके चलते मीना पति के लिए खाना बनाने लगी। कमरे में पहले से ही एक गैस सिलिंडर रखा हुआ था। जिससे रात भर गैस का हलका हलका रिसाव होता रहा। सुबह जैसे ही मीना ने खाना बनाने के लिए गैस चलाई तो एक तेज धमाका हुआ। जिसकी चपेट में आने से मीना, प्रदीप कुमार तथा इनके बच्चे प्रियांशु, दिव्यांशू, ज्योति और गुंजन झुलस गये। धमाके से मकान की टीनशेड का एक हिस्सा टूट गया। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल की हालत देख ग्रामीण सकते में आ गये। सूचना मिलने पर एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, सीओ मंगलौर अभय प्रताप, थाना प्रभारी संजीव थपलियाल मौके पर पहुंचे। घायलों को सिविल अस्पताल भेजा गया। इनकी गंभीर हालत को देखते हुए सभी घायलों को देहरादून के एक अस्पताल में रेफर किया गया है।

जल्दबाजी करना पड़ गया भारी

प्रदीप कुमार के कमरे में एक गैस का खाली सिलिंडर रखा था। थाना प्रभारी संजीव थपलियाल के मुताबिक इस खाली गैस सिलिंडर पर कैप नहीं लगाई गई थी। जिससे हलका हलका गैस का रिसाव हो रहा था। रात भर गैस का रिसाव होने और कमरा बंद होने से गैस कमरे में फैल गई। सुबह प्रदीप कुमार और उसकी पत्नी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। मीना ने पति के लिए खाना बनाने के लिए जैसे ही माचिस जलाई तो गैस ने धमाके का रुप ले लिया।

सोते बच्चे आ गये चपेट में

भगवानपुर पुलिस ने बताया कि जिस समय हादसा हुआ। उस समय प्रदीप की बेटी गुंजन और ज्योति सोये हुए थे। जबकि उसके दोनों बेटे जाग रहे थे। एकाएक हुए धमाके के बाद किसी सदस्य की समझ नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है।

पिछले सप्ताह मंगलौर में भी हुआ था हादसा

मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में सात नवंबर को एक मिष्ठान भंडार पर जोरदार धमाका हुआ था। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जबकि 50 व्यक्ति घायल हो गए थे। घायलों में से 27 ज्यादा झुलसे थे। कुछ की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है। जबकि कुछ का उपचार चल रहा है।

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