फ्रांस ने कट्टरपंथी मुस्लिमों के खिलाफ लिया ये बड़ा और कड़ा फैसला
फ्रांस ने कट्टरपंथी मुस्लिमों के खिलाफ बड़ा और कड़ा फैसला लिया. पर ये कट्टरपंथी अभी भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे. इन्होने जिस मोटो पर चलने की कसम खाई उसके लिए फिर चाहे इनकी मौत ही क्यों ना आ जाए, मंजूर है. ये कुछ भी मानने को तैयार नहीं है. क्यूंकि इन्हें 72 हूरों के पास जो जाना है, जहां खुदा खुद इन्हे शराब पिलाएगा. पर अभी इसमें वक़्त है. इंतज़ार कीजिए. वैसे कट्टरपंथियों की खिलाफ फ्रांस ने मोर्चा खोल दिया है. और उसे बाकी देशों का सपोर्ट भी मिल रहा है. बस कुछ पिच्छलग्गू देश जैसे पाकिस्तान को छोड़कर. पाकिस्तान में जिहाद के नाम पर जो शिक्षा दी जाती है और उन्हें फैलाने की ट्रेनिंग दी जाती है उसका असर फ्रांस में भी दिखा.
दरअसल फ्रांस में एक इमाम टिक टोक के ज़रिये ज़हर घोल रहा था. इतना सब कुछ होने के बाद इमाम को होश नहीं और वो लग गए लोगों को बरगलाने में. इसके लिए टिक टोक को अपना हथियार बनाया. ये टिक टोकर इमाम अपना ज्ञान टिक टोक पर परोसने लगा. लोगों को गुमराह करने लगा. ये सोच रहा था कि टिक टोक के सहारे ये अपनी दूकान चला लेंगे. पर इससे पहली की इनके दूकान की बौनी होती, फ्रांस की सरकार ने शटर डाउन कर दिया. वैसे टिक टोकर की हमारे यहां के मार्किट में कितनी इज़्ज़त है और मार्किट प्राइस क्या है वो बताने की ज़रूरत नहीं है.
इस टिक टोकर इमाम ने टिक टोक पर जो मुजरा पेश किया है उसके बाद अब इसे घर भेजने यानी पाकिस्तान भेजने की तैयारी चल रही है. इस टिक टोकर इमाम का नाम है लुकमान हैदर. ये 2015 में फ्रांस आये थे. और पेरिस की एक मस्जिद में इमाम के रूप में काम करता था. इसने आतंकी घटनाओं के समर्थन में तीन वीडियो पोस्ट किए. पहले वीडियो में, टिक टोकर इमाम लुकमान हैदर ने चार्ली हेब्दो कार्टून के बारे में बात करते हुए कहा था कि मुस्लिम पैगंबर के लिए बलिदान करने के लिए तैयार हैं. दूसरे वीडियो में उसने गैर-मुस्लिमों और इस्लाम में विश्वास न रखने वालों पर हमला करने और उन्हें जहन्नुम भेजने जैसी बातें कही थीं. जबकि 25 सितंबर को शेयर किये गए अपने तीसरे वीडियो में हैदर ने चार्ली हेब्दो के पूर्व कार्यालयों के बाहर हुई आतंकी घटना के लिए आतंकियों की तारीफ की थी.
और इसकी वीडियो को ध्यान में रखकर फ्रांस सरकार ने लुकमान हैदर को 18 महीने जेल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा, फ्रांस सरकार हैदर को वापस उसके देश यानी पाकिस्तान भेजने की भी तैयारी कर रही है. जिस देश ने पहले इनको जगह दी वहीं पर ये जमाती और आतंकवादी सोच रखने वाले कट्टरपंथियों ने कोहराम मचा दिया. हर साल करीब 300 इमाम फ्रांस आते हैं. और अब इनके सभी रास्तों को बंद करने की तैयारी चल रही है. और जिस तरह के कानून फ्रांस पिछले दिनों में लेकर आया है उसने साफ़ तौर पर ये दिखा दिया कि कट्टरपंथियों की इस देश में कोई जगह नहीं है. वो बस 72 हूरों के सपने देखे. वैसे टिक टोकर इमाम के बारे में आपका क्या कहना है कमेंट बॉक्स में जरूर बताये.