बिहार में RJD हुई निराश, बेल के लिए लालू को अभी छह हफ्ते और करना होगा इंतजार
चारा घोटाला (Fodder Scam) के चार मामलों में सजा पाए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका (Bail Petition) पर शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट (Ranchi High Court) में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने सुनवाई छह हफ्ते तक के लिए टाल दी है। ऐसे में लालू का बेल की सुनवाई के इंतजार में छह हफ्ते और जेल में रहना तय हो गया है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार लालू प्रसाद यादव द्वारा अभी तक पूरी की जा चुकी सजा की अवधि के संबंध में कागजात जमा नहीं कर सके हैं। इस कारण सुनवाई टल गई है। इससे बिहार में आरजेडी में निराशा का माहौल है।
लालू के वकील के आग्रह पर टली सुनवाई
झारखंड के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में हो रही रांची हाईकोर्ट में शुक्रवार की सुनवाई हुई। इसे लेकर आरजेडी को गुड न्यूज की उम्मीद थी, लेकिन लालू प्रसाद यादव के वकील के आग्रह पर ही हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह आगे का लंबा वक्त दे दिया है। इससे आरजेडी में निराशा है।
हाईकोर्ट ने मांगे थे दलील के पक्ष में कागजात
रांची हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की आधी सजा पूरी हो जाने की दलील से संबंधित कागजात मांगे थे, लेकिन सीबीआइ की निचली अदालत से इसकी सर्टिफाइड कॉपी अभी तक नहीं मिली है। लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार ने मीडिया को बताया कि इसके लिए अपील की गई है, उम्मीद है कि यह जल्दी मिल जाएगी। फिर, इसे हाईकोर्ट को दिया जाएगा।
सजा के चार में से तीन मामलों में हो चुकी जमानत
चारा घोटाला के पांच मामलों में से चार में लालू प्रसाद यादव को सजा मिल चुकी है। जबकि, डोरांडा कोषागार के एक मामले में निचली अदालत में सुनवाई चल रही है। सजा पाए तीन मामलों में लालू को जमानत मिल चुकी है, इसलिए दुमका कोषागार के मामले में भी जमानत मिलने की स्थिति में तय है कि वे जेल से बाहर आ जाएंगे।
जमानत के लिए लालू ने दी है यी दलील
विदित हो कि सजा पाए तीन मामलों में हाईकोर्ट ने आधी सजा काट लेने के आधार पर जमानत दी है। लालू इसी आधार पर दुमका कोषागार के मामले में भी जमानत चाहते हैं। उन्होंने खराब स्वास्थ्य काे भी आधार बनाया है। हालांकि, सीबीआइ ने कहा है कि दुमका कोषागार मामले में निचली अदालत ने दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल की अलग-अलग सजाएं दी हैं। दोनों सजाएं एक साथ नहीं दी गईं हैं, इस कारण दुमका कोषागार के मामले में लालू ने एक दिन की सजा भी नहीं काटी है। इसके बाद हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव से उनकी दलील के पक्ष में कागजात मांगे हैं।
जमानत टलने से आरजेडी में निराशा
लालू प्रसाद यादव को जमानत जब भी मिले, यह आरजेडी के लिए संजीवनी का काम करेगा। लालू की मौजूदगी मात्र से ही विपक्षी एकजुटता को बल मिलने की उम्मीद है। आज जमानत की सुनवाई टलने तथा अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद हाेने के फैसले के बाद आरजडी में निराशा का माहौल है। हालांकि, लालू की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) तथा बेटे व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित परिवार ने कहा है कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी व भाई वीरेंद्र भी कहते हैं कि पार्टी सुप्रीमो को जमानत मिलना तय है, वक्त चाहे जाे लगे।
जमानत के विरोध में एनडीए के नेता
दूसरी ओर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेता लालू की जमानत का विरोध करते रहे हैं। जेडीयू विधान पार्षद व पूर्व मंत्री नीरज कुमार (JDU MLC Neeraj Kumar) ने लालू प्रसाद यादव को आदतन अपराधी करार देते हुए जमानत का विरोध किया तो जेडीयू नेता संजय सिंह ने तो बीते दिनों लालू को राजनीति का कैंसर और कोढ़ तक बता दिया था। इसपर आरजेडी प्रवक्ता एज्या यादव ने जेडीयू को मर्यादा में रहकर बयान देने की नसीहत दी थी।