किसान आंदोलन: नोएडा-दिल्ली को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर हो सकता है बंद, सड़क पर किसानो का प्रदर्शन जारी
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन बृहस्पतिवार को 22वें दिन में प्रवेश कर दिया। वहीं, दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-14 ए स्थित चिल्ला बॉर्डर को बंद करने की नौबत आ सकी है। बृहस्पतिवार दोपहर भारतीय किसान यूनियन अंबावत के कार्यकर्ता चिल्ला बॉर्डर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने बॉर्डर से पहले ही कंट्रोल रूम के पास उनको रोक लिया। इससे नाराज किसान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं, जिससे यहां पर जाम लग सकता है। इतना ही नहीं, चिल्ला बॉर्डर को बंद करने की भी नौबत आ सकती है। वहीं, दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का 20वां दिन है। यहां पर यूपी के 18 खाप की पंचायत जारी है।
सोनीपत : सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने में शामिल एक किसान की ड्रेन नंबर-8 में गिरकर मौत हो गई। बृहस्पतिवार सुबह किसान का शव ड्रेन में पड़ा मिला। किसान की पहचान मूल रूप से पंजाब के संगरूर निवासी भीम सिंह के रूप में हुई है। वे फिलहाल अपने परिवार के साथ पटियाला में रहते थे। सूचना मिलने पर थाना कुंडली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवाया। फिलहाल किसान ड्रेन में कैसे गिरे? इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। आशंका जताई जा रही है कि रात को शौच आदि के लिए जाने के क्रम में किसान गलती से ड्रेन में गिर गए होंगे, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस परिजनों व उनके साथ आए किसानों से इस संबंध में पूछताछ कर रही है।
नोएडा : इस बीच पिछले महीने 28 नवंबर से कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर बैठे किसानों के साथ बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश की 18 खाप पंचायतों के प्रतिनिधि भी जुड़ेंगे। इस दौरान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को विजय दिवस के मौके पर सेना के पूर्व जवान किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे। उन्होंने कानून वापसी तक आंदोलन में साथ देने को कहा है।
नारनौल : हरियाणा के नारनौल में मांढी गांव के प्रदर्शनकारी किसानों ने 5 किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया है। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार को तत्काल तीनों केंद्रीय कानूनों को वापस लेना चाहिए, वरना आंदोलन इसी तरह आगे भी जारी रहेगा।
वहीं, बुधवार को कुंडली बॉर्डर पर एक किसान ने खुद को गोली मार ली। जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं खाप महापंचायत के चलते किसानों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ा दी गई है। महापंचायत को लेकर खुफिया विभाग भी सतर्क हो गया है।
पुलिसकर्मियों को दी सौगंध
वहीं, विजय दिवस पर बुधवार को पूर्व सैनिकों ने जय जवान जय किसान का नारा लगाते हुए किसान आंदोलन का समर्थन किया। यूपी गेट पर पहुंचे सूबेदार वीर सिंह, फौजी नरवीर सिंह, जेपी मिश्रा समेत अन्य पूर्व सैनिकों ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक वह किसानों के आंदोलन में उनके साथ हैैं। उन्होंने किसानों पर लाठी न चलाने के लिए पुलिसकर्मियों को माता पिता के खून की सौगंध दी। साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन के साथ ईवीएस से चुनाव का भी विरोध करने की अपील की।
वहीं, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली जाने वाली लेन पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भीड़ बढ़ रही है। किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। कहीं कोई अराजकतत्व आंदोलन को गलत दिशा न दे। वहीं, बुधवार शाम पांच बजे यूपी गेट फ्लाईओवर के नीचे दिल्ली पुलिस की बैरिकेड पर चढ़कर किसानों ने करीब आधे घंटे तक नारेबाजी की।
महापंचायत आज
एक ही गोत्र के कई गांव के लोगों को मिलाकर खाप बनती है। हर खाप का एक चौधरी (अध्यक्ष) होता है, जिसे खाप का फैसला लेने का अधिकार होता है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी बालियान खाप के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से 18 खाप को यूपी गेट पर महापंचायत के लिए बुलाया है। इससे यूपी गेट पर बृहस्पतिवार को किसानों की संख्या बढ़ जाएगी। वहीं, सोनीपत के कुंडली बार्डर पर एक किसान ने खुद को गोली मार ली। जिससे उसकी मौत हो गई। बृहस्पतिवार को अतिरिक्त पुलिस बल, आरएफ व पीएसी के जवान तैनात कर दिए जाएंगे।
किसानों को रोकने पर हंगामा
नोएडा की ओर से आ रहे कुछ किसानों को बुधवार दोपहर नोएडा की एनआइबी पुलिस चौकी के पास पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद किसानों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। यूपी गेट से भी किसान पहुंचने लगे। बवाल होता देख पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को जाने दिया। हालांकि इस दौरान जाम लगा रहा।
युवा कर रहे किसानों की आवाज बुलंद
किसान आंदोलन से बड़ी संख्या में पहले दिन से ही युवा जुड़े हुए हैं। किसानों के इस आंदोलन को अब छात्र संगठन से जुड़े युवा भी जुड़ गए हैं। यूपी गेट पर चौधरी चरण ¨सह विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं के होर्डिग भी लग गए हैं। छात्र नेता किसान आंदोलन के मंच से किसानों को संबोधित करने के साथ तीनों कृषि कानूनों के बारे में भी बता रहे हैं।